केरल के चेंगन्नूर में महत्वपूर्ण उपचुनाव से पहले बीजेपी को तगड़ा झटका लगा है। राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) के यहां के दूसरे सबसे बड़े घटक भारत धर्म जन सेना (बीडीजेएस) ने रविवार को फैसला किया कि वह बीजेपी के साथ अपना ‘असहयोग’ जारी रखेगी, क्योंकि उसकी मांगे पूरी होनी अभी भी बाकी हैं।
एसएनडीपी की बीडीजेएस राजनीतिक शाखा है। एसएनडीपी पिछड़े एझावा समुदाय के लिए काम करने वाला प्रमुख संगठन है। बीडीजेएस के नेता तुषार वेल्लापल्ली ने पार्टी नेताओं की बैठक के बाद मीडिया से कहा कि बीडीजेएस अभी भी एनडीए का हिस्सा है, लेकिन ‘हमारी मांगों को अभी भी पूरा नहीं किया गया है तो हमने बीजेपी का सहयोग नहीं करने का निर्णय लिया है।’
एसएनडीपी के सर्वोच्च नेता वेल्लापल्ली नटेसन के बेटे तुषार ने कहा, “चुनाव में हमारा रुख एक हफ्ते के भीतर तय हो जाएगा और तब तक हम बीजेपी के चल रहे चुनाव प्रचार में हिस्सा नहीं लेंगे।”
बीडीजेएस को बीजेपी से नाखुश बताया जा रहा है, क्योंकि इसने जब 2015 में एनडीए में शामिल होने का फैसला किया था तो इसे केंद्र में पद दिए जाने का वादा किया गया था, जो पूरा नहीं किया गया।
केरल के चेनगान्नूर विधानसभा उपचुनाव में बीजेपी को झटका लग सकता है। यहां पर 28 मई को वोट डाले जाएंगे और 31 मई को वोटों की गिनती की जाएगी। सीपीआइएम नेता रामचंद्र नायर के निधन के बाद चेनगन्नूर में उपचुनाव हो रहा है।
बीजेपी इस सीट पर अपना उम्मीदवार खड़ा कर रही है। बीजेपी चाहती है कि इस सीट के लिए सहयोगी भारत धर्म जन सेना उसकी मदद करे और इलाके में प्रचार भी इसके नेता करें।
गठबंधन में आई दरार के बाद बीडीजेएस ने साफ कर दिया है कि वह इस चुनाव में बीजेपी का साथ नहीं देगी। साल 2016 में हुए विधानसभा चुनाव में इस पार्टी ने 4.47 प्रतिशत मत हासिल किए थे। 2015 में गठित इस दल का केरल में जनाधार माना जाता है।