मानवता आज भी जिंदा है जिसका ताज़ा उदाहरण केरल राज्य के एक ईसाई परिवार ने दिया| हाल ही में केरल में ब्रेन डेड घोषित किए गए एक ईसाई शख्स जोसेफ के शरीर के अंगों को उसके परिजनों ने ट्रांसप्लांट कराने का साहसिक फैसला लिया. इस शख्स के हाथ एक मुस्लिम शख्स अब्दुल रहीम को ट्रांसप्लांट किए गए| केरल के अमृता हॉस्पिटल में इस ऑपरेशन को एक हिंदू डॉक्टर डॉक्टर सुब्रह्मण्यम अय्यर ने अंजाम दिया|
इस सारे मामले पर पाकिस्तान के पूर्व तेज़ गेंदबाज़ शोएब अख्तर ने अपनी प्रतिक्रिया ज़ाहिर करते हुए कहा कि यह घटना मानवता के लिहाज से एक बेहतरीन उदाहरण है| मानवता आज भी जिंदा है| शोएब अख्तर ने अपनी यह बात सोशल मीडिया के ज़रिये से कही| शोएब ने अपने ट्विटर एकाउंट पर एक फोटो शेयर किया जिसमें जोसेफ के परिवार के सदस्य रहीम को लगाए गए हाथों को देख रही हैं. शोएब अख्तर ने अपने ट्वीट में लिखा, ‘इसे आप मानवता कहते हैं|
जोसेफ के परिजनों और डॉक्टर सुब्रह्मण्यम अय्यर को बहुत-बहुत धन्यवाद, शायद हमें इस तरह के लोगों की और जरूरत है. सच में ऐसी मानवता का उदाहरण कभी कभी देखने को मिलता है ‘ ‘रावलपिंडी एक्सप्रेस’ ने इस बात को मानवता का प्रतीक माना कि एक ईसाई शख्स के आर्गन्स उसके परिजनों की सहमति से दान किए गए. जोसेफ के हाथों ने एक तरह से दोनों हाथ गंवा चुके अब्दुल रहीम को नई जिंदगी दी और एक हिंदू डॉक्टर अय्यर ने इस सर्जरी को अंजाम दिया|