तिरुवनंतपुरम: घरेलू मेडिकल कॉलेजों की फीस में वृद्धि के मुद्दे पर पिछले एक सप्ताह से जारी विधायकों की अनिश्चित भूख हड़ताल व्यक्त एकता के रूप में कांग्रेस नीत यूडीएफ ने आज केरल विधानसभा का बहिष्कार कर दिया। हालांकि अध्यक्ष पी रामा कृष्णन ने जारीया गतिरोध खत्म करने के लिए एक बैठक बुलाई जिसके शासक और विपक्ष के अटल स्टैंड से कोई सहमति नहीं हो सकी। विपक्ष के विरोध में शून्यकाल के निलंबन के बाद सदन की कार्यवाही दोबारा शुरू होते ही विपक्ष के नेता रमेश चनतालह ने सूचित किया कि वह कार्रवाई चलाने में सहयोग नहीं कर सकते क्योंकि उनके दो साथी (विधायकों) शुल्क में वृद्धि के खिलाफ पिछले 6 दिवस भूख हड़ताल पर हैं। इसलिए वह सदन से बहिष्कार कर रहे हैं। हालांकि मुख्यमंत्री पी वैजयंती ने कहा कि विपक्ष ने विधानसभा सत्र की शुरुआत से ही यह समस्या उठा रहे हैं ताकि सदन की कार्यवाही उलझाना किया जा सके।
उन्होंने कहा कि ओपोज़िशन आक्रामक रवैये से ऐसा मालूम होता है कि वह गतिरोध बनाए रखना चाहते हैं और घरेलू मेडिकल कॉलेजों के मुद्दे पर आयोजित बैठक में रचनात्मक सुझाव नहीं की गईं। मुख्यमंत्री ने कहा कि माकपा के नेतृत्व एल पीडीएफ सरकार घरेलू प्रशासन के लिए स्पष्ट संघर्ष रेखा (सीमा) निर्धारित कर दी है। हालांकि कि विधानसभा में यह आश्वासन दिया गया है कि कयापटेशन शुल्क के बारे में आरोपों की सतर्कता जांच करवाई जाएगी। लेकिन आज के परामर्श बैठक में रमेश चनतालह ने इस मामले की अपराध शाखा जांच की मांग की है। इस बीच विधानसभा हॉल के पास शफी परामबल और अभय हेडन की भूख हड़ताल आज 6 वें दिन में प्रवेश कर गई है जबकि केरल कांग्रेस (जे) के अनूप जैकब कि भूख हड़ताल पर थे स्वास्थ्य बिगड़ जाने पर कल उन्हें मेडिकल कॉलेज अस्पताल ले जाया गया है।
पहले विपक्षी सदस्यों काले पट्टी और प्ले कार्ड्स और बियानर्स थामे हुए सदन में प्रवेश किया। अध्यक्ष से मांग की कि शून्यकाल निलंबित करके कॉलेजों के मुद्दे पर चर्चा कराई जाए। सदन में लगातार शोर-शराबा, संघर्ष पर अध्यक्ष ने शून्यकाल स्थगित करते हुए मंजिल नेताओं की बैठक बुलाई। लेकिन कोई सहमति नहीं हो सकी। विधानसभा में विपक्ष के अभाव में कार्रवाई चलाते हुए अनुदान मंजूर किए गए। दूसरी ओर केरल कांग्रेस (एम) जिसने हाल मतभेद की वजह यूडीएफ के साथ 30 साल पुराने संबंध काट लेने में अनशन सदस्यों के साथ सरकार की उदासीनता के खिलाफ चला दिया।