केवल नारे लगाने से गांव, गरीब और किसान का भला नहीं होने वाला: राधामोहन सिंह

केवल नारे लगाने से गांव, गरीब और किसान का भला नहीं होने वाला: राधामोहन सिंह
लखनऊ। केंद्रीय कृषि मंत्री राधामोहन सिंह ने कांग्रेस एवं राहुल गांधी पर कड़ा प्रहार किया। राहुल की किसान यात्रा की खिल्ली उड़ाते हुए कहा कि केवल नारे लगाने से गांव, गरीब और किसान का भला नहीं हो सकता।
उन्होंने किसानों के कल्याण के दावे करने वाले राजनैतिक दलों को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि देश पर 60 वर्षों तक राज करने वाले एक परिवार ने आखिर किसानों की भलाई के लिए ऐसा क्या किया जो आज उनकी हित की बात कर रहे हैं। केंद्रीय कृषि मंत्री मंगलवार को  दीनदयाल धाम में भारतीय जनसंघ के संस्थापक पंडित दीनदयाल उपाध्याय की 100वीं जयंती पर उनके पैतृक गांव में आयोजित कृषि विकास मेले के उद्घाटन समारोह में बोल रहे थे।
  उन्होंने कांग्रेस को किसानों की बदहाली का जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि अगर देश ने पं. दीनदयाल उपाध्याय के विचारों को 50 बरस पहले अपना लिया होता तो आज किसानों की यह दुर्गति नहीं होती। सिंह ने कहा कि 1992 में जरूर इसपर विचार किया गया था, पर जल्द ही उस विचार को भुला दिया गया। उन्होंने कहा कि अब तक अपनाई गई व्यवस्था से किसानों का कोई भला नहीं हुआ। गांधीजी कहते थे कि हिन्दुस्तान गांवों का देश है। उन्होंने 47 में अंतरिम सरकार में इसलिए गांव से आए बाबू राजेंद्र प्रसाद को कृषिमंत्री बनाया था। बाद में सरकारों ने खेती और किसानों के बारे में नहीं सोचा। गरीबों के उत्थान की सारी योजनाएं उल्टी हो गईं। जिसका परिणाम आज पूरा देश भोग रहा है। आजादी के 70 सालों में हम भले चंद्रमा और मंगल गृह तक पहुंच गए, पर देश के 6 लाख 38 हजार गांव आज भी वहीं के वहीं हैं। इंदिरा गांधी पर निशाना साधते हुए कहा गरीबी हटाओ के नारे तो जरूर दिए गए , पर ठोस योजना न तो बनाई गई और न ऐसी योजनाओं पर अमल किया गया।
  राधामोहन सिंह ने सपा और कांग्रेस के परिवारवाद पर तंज कसते हुए कहा कि सिर्फ अपने वंश को मजबूत करने पर ध्यान दिया गया, किसान तब भी उपेक्षित ही रहे। उन्होंने अटल विहारी बाजपेयी की तारीफ करते हुए कहा कि राजेन्द्र बाबू के बाद एक वही रहे जिन्होंने किसानों के कल्याण पर ध्यान दिया। उन्होंने नारे में जय जवान जय किसान के साथ जय विज्ञान भी जोड़ा था।