हैदराबाद 10 अप्रैल: चीफ़ मिनिस्टर के चन्द्रशेखर राव की नज़र क्या सदर जमहूरीया के ओहदा पर है या फिर वो बीजेपी ज़ेरे क़ियादत एन डीए इत्तेहाद में शमूलीयत पर तुल रहे हैं?। उगादी के मौके पर पंडितों ने चीफ़ मिनिस्टर के बारे में जो पैशन गोई की इस से पार्टी हलक़ों में ये मौज़ूआत ज़ेरे-बहस हैं। बाज़ क़ाइदीन का कहना है कि वज़ीर-ए-आज़म नरेंद्र मोदी को सदर जमहूरीया परनब मुखर्जी के जांनशीन की तलाश है और एसे में जुनूबी हिंद से मज़बूत दावेदार की हैसियत से केसीआर उभर सकते हैं।
केसीआर ने तेलंगाना तहरीक के दौरान मुल्क की तमाम सियासी जमातों और उनके क़ाइदीन से क़रीबी रवाबित क़ायम किए थे और उन्हें मर्कज़ में वज़ीर लेबर की हैसियत से फ़राइज़ अंजाम देने का ख़ासा तजुर्बा है।
नई दिल्ली की सियासत को केसीआर अच्छी तरह समझते हैं और यूपीए हुकूमत को एतेमाद में लेते हुए जिस तरह अलाहिदा तेलंगाना रियासत हासिल की इस पर केसीआर को सियासत के मैदान का चाणक्य कहा जाता है। अलाहिदा तेलंगाना का हुसूल नामुमकिन था लेकिन केसीआर ने पार्टी को कांग्रेस में ज़म करने का यकीन देते हुए कांग्रेस को अलाहिदा रियासत की तशकील के लिए राज़ी कर लिया बाद में उन्होंने अपनी अलाहिदा पार्टी को जारी रखते हुए तेलंगाना में इक़तिदार हासिल कर लिया।
बताया जाता है कि चन्द्रशेखर राव 2017 में तेलंगाना का इक़तिदार अपने फ़र्ज़ंद केटीआर को मुंतक़िल करते हुए क़ौमी सियासत में अहम रोल अदा करने का मन्सूबा रखते हैं। पंडितों की पैशनगोई ने सियासी पंडितों के इन इमकानात को तक़वियत पहुंचा दी जिसमें कहा जा रहा था कि केटीआर को आइन्दा साल चीफ़ मिनिस्टर के ओहदे की ज़िम्मेदारी दी जाएगी।
उगादी के मौके पर पंडितों ने मार्च 2017 के बाद तेलंगाना की सियासत में केसीआर के रोल में कमी का भी इशारा दिया है। बताया जाता है के चन्द्रशेखर राव रियासत को दरपेश मसाइल के सबब मर्कज़ की इमदाद हासिल करने के लिए एनडीए इत्तेहाद में शमूलीयत इख़तियार कर सकते हैं और मर्कज़ी हुकूमत में भी कम से कम 2 वज़ारतों के ओहदे हासिल करने की कोशिश की जाएगी। अगर एनडीए में शमूलीयत इख़तियार करना मक़सद ना हो तो फिर सदर जमहूरीया के ओहदे पर अपनी दावेदारी पेश की जाएगी।
वाज़िह रहे कि मौजूदा सदर जमहूरीया परनब मुखर्जी जुलाई 2017 में अपनी पाँच साला मीयाद मुकम्मिल करलींगे। अगरचे दस्तूर के मुताबिक़ सदर जमहूरीया की दूसरी मीयाद के लिए दुबारा मुंतख़ब किया जा सकता है लेकिन परनब मुखर्जी के लिए ये मुम्किन नज़र नहीं आता क्युं कि वो यूपीए हुकूमत के मुक़र्रर करदा हैं।
जुनूबी हिंद से साबिक़ में सदर जमहूरीया के ओहदे पर बाज़ शख़्सियतें फ़ाइज़ हो चुकी हैं जिनमें नीलम संजीवा रेड्डी और एपी जे अबदुल कलाम शामिल हैं। टीआरएस के हलक़ों में उगादी की तक़रीब के बाद ये क़यास-आराइयाँ शिद्दत इख़तियार कर चुकी हैं कि केसीआर आइन्दा साल अहम सियासी फ़ैसले कर सकते हैं। पार्टी क़ाइदीन के अलावा वुज़रा और अवामी नुमाइंदों में भी केसीआर के आइन्दा सियासी मन्सूबों पर मुख़्तलिफ़ राय का इज़हार किया जा रहा है।