हैदराबाद 11 मई:तेलंगाना की टीआरएस हुकूमत को 12 फ़ीसद मुस्लिम रिजर्वेशन की फ़राहमी मैं किस हद तक दिलचस्पी है इस का अंदाज़ा इस बात से लगाया जा सकता है कि वज़ीर-ए-आज़म नरेंद्र मोदी से हुई मुलाक़ात में चीफ़ मिनिस्टर के चन्द्र शेखर राव ने एससी दर्जा बंदी के लिए नुमाइंदगी की जबकि मुस्लिम रिजर्वेशन के बारे में एक लफ़्ज़ भी नहीं कहा। तेलंगाना में दर्ज फ़हरिस्त अक़्वाम की हुकूमत और पार्टी को ताईद बरक़रार रखने के लिए चीफ़ मिनिस्टर ने उन के देरीना मुतालिबे के हक़ में वज़ीर-ए-आज़म को याददाश्त पेश की।
दर्ज फ़हरिस्त अक़्वाम उनके तबक़ात में मज़ीद दर्जा बंदी की मांग कर रहे हैं और इस सिलसिले में साबिक़ में असेंबली में क़रारदाद भी मंज़ूर की गई थी। दर्जा बंदी का काम मर्कज़ी हुकूमत के तहत है लिहाज़ा चीफ़ मिनिस्टर ने वज़ीर-ए-आज़म नरेंद्र मोदी को बाक़ायदा याददाश्त हवाले की। क्या ही बेहतर होता कि चीफ़ मिनिस्टर 12 फ़ीसद मुस्लिम रिजर्वेशन का मसला भी वज़ीर-ए-आज़म से रुजू करते और इस बात की अपील करते कि मुस्लिम रिजर्वेशन के मसले पर सुप्रीमकोर्ट में जारी मुक़द्दमा में मर्कज़ी हुकूमत रिजर्वेशन की मुख़ालिफ़त ना करे।
वाज़िह रहे कि मुत्तहदा आंध्र प्रदेश में मुसलमानों को फ़राहम करदा 4 फ़ीसद रिजर्वेशन का मसला सुप्रीमकोर्ट में ज़ेर दौरान है और यूपीए हुकूमत की तरफ से एलान करदा 4.5 फ़ीसद रिजर्वेशन के ख़िलाफ़ दरख़ास्तों की समाअत भी सुप्रीमकोर्ट के इसी बेंच पर जारी है। तवक़्क़ो है कि मुक़द्दमा की समाअत जून में होगी।
एसे में तमाम की नज़रें मर्कज़ी हुकूमत के मौकुफ़ पर टिक्की हुई हैं कि वो रिजर्वेशन के बारे में क्या हलफ़नामा दाख़िल करेगी। चूँकि बीजेपी और आरएसएस का मौकुफ़ रिजर्वेशन के ख़िलाफ़ है लिहाज़ा अंदेशा ज़ाहिर किया जा रहा है कि सुप्रीमकोर्ट में भी मुख़ालिफ़ हलफ़नामा दाख़िल किया जा सकता है।
वाज़िह रहे कि एससी तबक़ात ना सिर्फ हुकूमत में अपना असर रखते हैं बल्के चुनाव सियासत में उनकी ताईद और मुख़ालिफ़त की ग़ैरमामूली एहमीयत है। सियासी क़ुव्वत होने के नतीजे में चीफ़ मिनिस्टर को वज़ीर-ए-आज़म से नुमाइंदगी के लिए मजबूर होना पड़ा। मुसलमानों को भी सियासी क़ुव्वत बनना होगा ताके हुकूमत पर रिजर्वेशन के वादे की तकमील के लिए दबाओ बनाया जा सके।