चीफ़ मिनिस्टर रियासत तेलंगाना के चन्द्रशेखर राव ने ये कहते हुए सब को हैरत में डाल दिया कि वो ग़ैर मुतवक़्क़े तौर पर सियासत में आए हैं क्युंकि उनकी सियासी लाईन हरगिज़ नहीं थी बल्कि वो सक़ाफ़्ती-ओ-तहज़ीबी शोबे से दिलचस्पी रखते थे और इस बात का भी इन्किशाफ़ किया कि उन्होंने अब तक 70 ता 80 हज़ार किताबों का मुताला किया है।
वो तेलंगाना राष़्ट्रा समीती के अवामी मुंख़बा नुमाइंदों के लिए नागरजुनासागर में भारी ट्रेनिंग प्रोग्राम के आख़िरी दिन अपना इज़हार-ए-ख़्याल करते वए इंतेहाई जज़बाती अंदाज़ में कहा कि कोई भी हज़ार साल तक ज़िंदा रहने के लिए नहीं आते हैं बल्कि वक़्त आने पर हर किसी को जाना ही है।
उन्होंने दौलत कमाने का तज़किरा करते हुए कहा कि अगर हमारा मक़सद दौलत कमाना ही हो तो गोबर फ़रोख़त करने से भी दौलत ( पैसा) आसकती है।
उन्होंने कहा कि तेलंगाना रियासत हासिल होने के बाद रियासत के पहले अवामी मुंख़बा नुमाइंदों की हैसियत से हमेशा के लिए तुम्हारा नाम रह जाएगा।