नई दिल्ली: हिन्दुस्तान को कैनेडा से यूरेनियम की पहली खेप आइन्दा माह वसूल हो जाएगी जिससे मुल्क में न्यूक्लीयर तवानाई के री ऐक्ट्रस की ईंधन के हुसूल में मदद मिलेगी।एक सीनीयर सरकारी ओहदेदार ने कहा कि 50 टन कैनेडयाई यूरेनियम की पहली खेप रास्ते में है और दिसम्बर के पहले हफ़्ते तक यहां पहूंच जाएगी।
ये ईंधन चूँकि दरआमद शूदा है, इस लिए ख़ुसूसी हिफ़ाज़त या फताह री ऐक्ट्रस में इस्तेमाल किया जाएगा। कैनेडा में यूरेनियम की सबसे बड़ी कंपनी कीमको कार्पोरेशन के साथ तए शूदा 350 मिलियन कैनेडयाई डालर की इस मामलत से हिन्दुस्तान को आइन्दा पाँच साल के दौरान 3,220 मैट्रिक टन यूरेनियम की सरबराही यक़ीनी बनाई गई है। हिंद । कैनेडा न्यूक्लीयर समझौता पर 2010 में दस्तख़त की गई थी।
वाज़िह रहे कि हिन्दुस्तान की तरफ़ से न्यूक्लीयर बम तैयार किए जाने के बाद कैनेडा ने 1970 की रिहाई में हिन्दुस्तान को यूरेनियम और न्यूक्लीयर हार्डवेयर की बरामदात पर इमतिना आइद कर दिया था। हिन्दुस्तान में फ़िलहाल 21 न्यूक्लीयर री ऐक्ट्रस कारकरद हैं, दीगर 6 ज़र-ए-तामीर हैं।
हिन्दुस्तान में रवां साल रिकार्ड 1,252 मैट्रिक टन यूरेनियम पैदावार दर्ज की गई जो मुल्क के ऐटमी री ऐक्ट्रस के लिए दरकार सालाना ईंधन से दोगुनी है। कैनेडा के अलावा रूस और क़ाज़क़स्तान से भी हिन्दुस्तान अपने देसी री ऐक्ट्रस के लिए यूरेनियम ख़रीद रहा है।