नई दिल्ली: देश को कैशलेस समाज में बदलने की कोशिश के भाग के रूप में नया आर्डीनैंस सरकार को इस बात की अनुमति देता है कि वे उद्योगों और निकायों की सूची तैयार करके उन्हें अपने वर्कर्स की मजदूरी को सीधे बैंक में जमा या चेक द्वारा मजदूरी का भुगतान करने का निर्देश दिया जाए।
आर्डीनैंस की मदद से मजदूरी भुगतान कानून 1936 में संशोधन किया जाएगा जो बाद में कानून का रूप धारण किया जाएगा। मालिक अपने वर्कर्स की मजदूरी इलेक्ट्रॉनिक या चेक द्वारा भुगतान करने का सुझाव दिया जाएगा। सूत्रों ने बताया कि समाज को कैशलेस बनाने की ओर जारी उपायों के अलावा इस आर्डीनैंस की सहायता राशि के रूप में अपने वेतन लेने वाले वर्कर्स मजदूरी कटौती से भी परहेज किया जाएगा।
मंत्रालय इन वर्कर्स को सोशल सेक्यूरिटी स्कीम के तहत लाने प्रयासरत है। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार के दिन इस आर्डीनैंस को जारी किया है। संसद के शीतकालीन सत्र में जब मजदूरी भुगतान (संशोधन) विधेयक 2016 को पारित नहीं कराया जा सका तो कैबिनेट मंजूरी द्वारा आर्डीनैंस निकाला गया था।
संसद का सत्र 16 दिसंबर को समाप्त हो गया, जबकि यह विधेयक 15 दिसंबर 2016 को लोकसभा में पेश किया गया था। यह बिल सदन में मंजूरी के लिए लंबित(Pending) है।