नई दिल्ली: नोटबंदी से हतास लोग इन्तजार में था कि अब पैसे की समस्या का समाधान हो जायेगा. मोदी के दो दिन के बजाये अब 23 दिन होने जा रहा है लेकिन लोगों को पहले से भी ज्यादा परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. महीने आखिर होने के कारण निजी तथा सरकारी काम करने वाले व्यक्ति का सैलेरी बैंक में आ चुकी है. लोगों को इससे पहले भी कई दिन से भुगतान नहीं मिल पाया है. जिससे गुस्साए लोगों ने बुधवार को बैंक में ताला जड़ दिया.
जागरण के अनुसार, नोटबंदी के बाद बैंक नई करेंसी का भुगतान नहीं कर पा रही है. पिछले कई दिन से भुगतान नहीं मिलने से गुस्साए ग्राहकों ने बुधवार को सुबह दस बजे सर्व यूपी ग्रामीण बैंक पर ताला डाल दिया और वहीं डेरा डालकर बैठ गए. सूचना पर पहुंची पुलिस और ग्रामीणों के बीच बैंक खुलवाने को लेकर नोकझोंक भी हुई. आंदोलित ग्रामीण शफीक, मामराज, रघुवीर, अयूब, चंद्रपाल, बाबू, चेतराम, सरिता, सीताराम, गुड्डी, साबरी, शाहजहां, नसीमा, अशोक, फुरकान व सलीम आदि का कहना था कि वह सभी पिछले कई दिन से नगदी के लिए बैंक की लाइन में लग रहे है, मगर उन्हें कई-कई घंटे लाइन में लगाने के बाद भी नो कैश की बात कह कर वापस लौटा दिया जाता है. इस दौरान लाइन में लगी एक महिला बेहोश होकर गिर गई, जिसका पुलिस ने इलाज कराया.
लोगों ने चेतावनी दी है कि अगर नई करेंसी का भुगतान नहीं किया गया तो बैंक नहीं खुलने दिया जाएगा.
वहीँ बुलंदशहर में भी इसी तरह के घटना देखने को मिला है जहां बैंक के मैनेजर द्वारा कमीशन पर नोट बदलने का काम किया जा रहा है.