बीजेपी सांसद उदित राज ने पार्टी लाइन से अलग होकर एक बयान दिया हैं. जिसकी चर्चा अब चारो तरफ हो रही है मंगलवार को लोकसभा में शून्यकाल के दौरान उन्होंने भीम आर्मी के प्रमुख चंद्रशेखर को रिहा करने की मांग उठाई. वो जस्टिस एके गोयल की एनजीटी चेयरमैन के तौर पर नियुक्ति की आलोचना कर रहे हैं.
आईआरएस अधिकारी रहे उदित राज ने कभी राजनीति में मुकाम पाने के लिए इंडियन जस्टिस पार्टी की स्थापना की थी, लेकिन फरवरी 2014 में उन्होंने उसका भाजपा में विलय कर दिया.
टिकट मिली और वे उत्तर पश्चिम दिल्ली से सांसद चुन लिए गए. उनका कहना है कि मैं अंबेडकरवादी हूं. मैं बुद्धिस्ट हूं. मैं बीजेपी में हूं आरएसएस में नहीं.
बीजेपी सांसद ने कहा, गऊ माता जी के जो बड़े खैरख्वाह हैं वो गऊ माता का दाह संस्कार क्यों नहीं करते? दाह संस्कार के लिए दलितों को छोड़ देते हैं.
उन्होंने कहा कि अगर गाय से इतना ही स्नेह है तो गौ-रक्षक गाय का दाह संस्कार क्यूँ नहीं करते, ऐसा करने के लिए वो दलितों को छोड़ देते हैं।उन्होंने गाय को जानवर कहते हुए गौ-माता मानने से इंकार कर दिया।