नई दिल्ली 01 सितंबर: उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने कहा कि आतंकवाद का कोई धर्म नहीं है और यह समाज और मानवता के लिए खतरा है। वे कश्मीर की घाटी में धर्म का उपयोग करने के लिए आरोप लगाते हैं और भारत के लिए पाकिस्तान के प्रयासों का जिक्र करते हुए कहा, कोई भी धर्म आतंकवाद नहीं सिखाता है न ही आतंकवाद का समर्थन करता है और न ही इसका समर्थन करता है नहीं एक आतंकवादी आदमी दूसरे शब्दों में, एक आतंकवादी ‘राक्षस’ होता है धर्म और आतंकवाद को मिलाना नहीं चाहिए, लेकिन कुछ बाहरी लोग यह कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि मैं राजनीतिज्ञ नहीं हूं और मैं किसी भी पार्टी से नहीं हूं। एक राजनेता को अपने चरित्र, क्षमता और क्षमता के आधार पर चुनना चाहिए, न कि दौड़ के आधार पर। उन्होंने कहा कि जाति, लिंग, समुदाय, भाषा और धर्म पर आधारित कोई भेदभाव नहीं होना चाहिए। उन्होंने विद्यार्थियों से अपील की कि जितना वे सीख सकें, लेकिन उन्हें अपनी मूल भाषा के लिए प्राथमिकता देनी चाहिए, चाहे उर्दू, हिंदी, तेलुगू, तमिल या बंगाली। उन्होंने कहा कि सभी भाषाएं सुंदर हैं और वे गठबंधन करते हैं।