कोई बताकर तो रेप करने नहीं जाता: बाबूलाल

मुतनाज़ा बयानों के लिए मशहूर मध्य प्रदेश के वज़ीर ए दाखिला बाबूलाल गौर एक बार फिर ऐसा ही बयान देकर मुतनाज़ो में हैं। उन्होंने बलात्कार के बढते वाकियात को लेकर कहा कि “कोई बताकर तो रेप करने नहीं जाता है, जो हम उसे पकड लें। अगर कोई बताकर रेप करने जाता तो हम उसे पकड लेते। अगर कोई घर में खुदकुशी कर ले तो हम क्या कर सकते हैं!”

बाबूलाल ने कहा कि बलात्कार एक सामाजी बुराई है। यह तंहाई में होता है। कार्रवाई रिपोर्ट दर्ज होने के बाद ही की जा सकती है। बलात्कार के वाकियात को रोकने के लिए अखिलेश या मुलायम सिंह यादव क्या कर सकते हैं!

19 जनवरी 2014 को गौर ने बयान दिया था कि चेन्नई में ख्वातीन के खिलाफ जिंसी जराइम की सबसे कम वाकियात होते हैं, क्योंकि वहां ख्वातीन पूरे कपड़े पहनती है और हमेशा मंदिर जाती हैं। गौर ने यह बयान चेन्नई से लौटने के बाद दिया था।

गौर ने कहा था कि तमिलनाडु की दारुल हुकूमत में ख्वातीन के खिलाफ क्राइम रेट भोपाल से काफी कम है। 2012 में चेन्नई में ख्वातीन के खिलाफ क्राइम रेट 19.32 था। उसी वक्त भोपाल में क्राइम रेट 71.38 था। साल 2012 में पूरे मध्य प्रदेश में ख्वातीन के खिलाफ ज़ुर्म की दर 71.38 थी। बलात्कार के बढते वाकियात को लेकर भले ही यूपी की बदनामी हो रही हो लेकिन ख्वातीन पर ज़ुल्म के वाकियात के मामले में मध्य प्रदेश भी पीछे नहीं है। मध्य प्रदेश में हर रोज 12 बलात्कार होते हैं।

मध्य प्रदेश पुलिस की सरकारी वेबसाइट पर ये आंकडे दस्तयाब हैं। वेबसाइट पर 2014 के पहले तीन महीनों के वाकियात का ब्योरा दिया गया है। पिछले 15 महीने से ग्राफ वहीं का वहीं है। इन तीन महीनों में हर दिन 24 ख्वातीन छेडखानी की शिकार हुई। सरकारी आंकडों के मुताबिक इस साल जनवरी से मार्च के बीच बलात्कार के 1,106 मामले दर्ज हुए हैं। जनवरी से मार्च के बीच छेडखानी के 2,475 मामले सामने आए।