कोई माँ बाप बीमार औलाद की तड़प बर्दाश्त नहीं करते

वालिदैन अपने बच्चों की हर ख़ुशी पर ख़ुशी से फूले नहीं समाते अपनी औलाद के दुनिया में आने और फिर आंखें खोलने से लेकर उन की मुस्कुराहट, गिरगिर कर चलना, दौड़ना और फिर ज़िंदगी के सफ़र में पूरी ज़िम्मेदारीयों के साथ शामिल होने ग़रज़ हर हर लम्हा वालिदैन बच्चों की हर हरकत पर ख़ुशी का इज़हार करते हैं।

उन की नज़र में उन का अपना बेटा या बेटी, बेटे या बेटियां दुनिया के सब से ख़ूबसूरत बच्चे होते हैं। वो इस लिए कि दुनिया में माँ बाप ही ऐसी दो शख्सियतें होती हैं जो अपने बच्चों की कामयाबियों पर मुसर्रत से झूम उठते हैं और औलाद के तएं उन के दिलों में हसद और जलन का कोई जज़बा नहीं होता। यानी माँ बाप और बच्चों के माबैन एक ऐसा रिश्ता होता है।

जिस में किसी किस्म की मिलावट नहीं होती औलाद ख़ुश होते हैं तो माँ ख़ुश और औलाद परेशान होती है तो वो भी परेशान और मग़्मूम हो जाते हैं। टोली चौकी के रहने वाले अतीया सिद्दीक़ा और मुहम्मद अकबर अली ख़ान ऐसे ही वालिदैन हैं जो अपने एक बेटे को लाहक़ मर्ज़ के बाइस इंतिहाई मग़्मूम हैं लेकिन कमसिन बेटे मुहम्मद सिद्दीक़ अहमद ख़ान कामरान की आँखों में आँसू ना आएं इस ख़ौफ़ से वो अपने बेटे के सामने रोने से भी क़ासिर हैं क्यों कि उन्हें अच्छी तरह मालूम है कि अगर वो अपने नूरे नज़र का ईलाज ना करवा पाएं तो ज़िंदगी भर वो ख़ुद को कभी माफ़ ना कर सकेंगे।

क़ारईन, एलेक्ट्रीशियन मुहम्मद अकबर अली ख़ान और अतीया सिद्दीक़ा को एक लड़का और एक लड़की है उन की शादी साल 2008 में हुई थी। पाँच साला लड़के की अक्टूबर 2013 में अचानक तबीआत ख़राब होने पर जब डाक्टरों से रुजू किया गया तो ये जान कर इस जोड़े के पावं तले ज़मीन खिसक गई कि इन का नूरे नज़र ख़ून की कमी की ऐसी बीमारी में मुबतला है जिस का ईलाज नामुमकिन नहीं तो मुश्किल ज़रूर है।

बहरहाल कारख़ाने क़ुदरत में क्या कमी है वो चाहे तो मिनटों में ऐसे बंदे मंज़रे आम पर आ सकते हैं जो कामरान के ईलाज और मुआलिजा के लिए उस की मदद कर सकते हैं। मदद के लिए फ़ोन नंबरात 9392872971 और 8099274441 पर रब्त किया जा सकता है। उन के अकाउंट नंबर की तफ़सीलात इस तरह हैं।
Atiya Siddiqua
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SBI Towli Chowki Branch, Hyd.