कोटा बिल पर राज्य सभा में हंगामा आराई और हाथा पाई

पार्लियामेंट ने अपनी तारीख़ में इक़दार के इन्हितात का आज बदतरीन दिन देखा जो राज्य सभा में दर्ज फ़ेहरिस्त तबक़ात-ओ-क़बाईल को तरक़्क़ियों में तहफ़्फुज़ात से मुताल्लिक़ हस्सास बिल पर बहस के दौरान दो अरकान एक दूसरे से नबरद आज़मा होते हुए घूंसा बाज़ी पर उतर आए । जिस के साथ कोयला के मसला (समस्या) पर पैदा शूदा तात्तुल के सबब पारलीमानी इजलास (संसद) लगातार 11 वें दिन भी मुलतवी (स्थगित) कर दिया गया ।

पार्लियामेंट के दोनों ऐवान (सदन) लोक सभा और राज्य सभा आज भी कोई काम नहीं कर सके । कोयला बलॉक तख़सीसात से मुताल्लिक़ सी ए जी रिपोर्ट पर बी जे पी के अरकान ने वज़ीर-ए-आज़म (प्रधान मंत्री) मनमोहन सिंह से इस्तीफ़ा के मुतालिबा पर मुसलसल इसरार किया । जिन की नारा बाज़ी के सबब दोनों ऐवानों की कार्रवाई मुलतवी (स्थगित) कर दी गई ।

ऐवान (सदन)-ए-बाला राज्य सभा में अगरचे हुकूमत कुछ देर के लिए नज़्म – ओ – जब्त बहाल करते हुए दर्ज फ़ेहरिस्त तबक़ात-ओ-क़बाईल को सरकारी मुलाज़मतों में तरक़्क़ियों के लिए तहफ़्फुज़ात फ़राहम करने की ग़रज़ से दस्तूरी तरमीमी बिल पेश किया जिस के साथ ही ऐवान (सदन) में ड्रामाई सूरत-ए-हाल पैदा हो गई । एस पी और बी एस पी के अरकान एक दूसरे के ख़िलाफ़ मुतसादिम होते हुए धींगा मश्ती शुरू कर दी ।

इस बिल को गुज़िश्ता रोज़ काबीना ने मंज़ूरी दी थी जिस का मक़सद सुप्रीम कोर्ट के दिन अहकाम की तंसीख़ है जिस के ज़रीया माज़ी में राजिस्थान और उत्तरप्रदेश की हुकूमतों की तरफ़ से इस ज़िमन में किए गए फ़ैसला को कलअदम क़रार दिया गया था । राज्य सभा में एक ऐसे वक़्त जब बी जे पी अरकान कोयला एस्क़ाम के मसला (समस्या) पर नारा बाज़ी में मसरूफ़ थे कि एस पी के अरकान कोटा बिल के ख़िलाफ़ एहतिजाज करते हुए अपनी नशिस्तों से उठ गए । एस पी के रुक्न नरेश अग्रवाल इस बिल के ख़िलाफ़ एहतिजाज करते हुए ऐवान (सदन) के वस्त में पहूंच गए जबकि बी एस पी के रुक्न अवतार सिंह करीमपूरी ने उन्हें कालर पकड़ कर खींच लिया ।

जिस के साथ ही इन दोनों में धींगा मश्ती हो गई और दीगर (दुसरे) अरकान हैरत के साथ इस अजीब मंज़र का नज़ारा करते रहे । लोक सभा में गुज़िश्ता 10 रोज़ की तरह आज भी कोयला एस्क़ाम पर बी जे पी अरकान की हंगामा आराई जारी रही । इलावा अज़ीं हुक्मराँ यू पी ए की हलीफ़ जमात डी ऐम के और इस की हरीफ़ अनाडी ऐम के के अरकान ऐवान (सदन) के वस्त में पहूँच कर श्रीलंका के सदर महेंद्रा राजपक्षे के मुजव्वज़ा दौरा की मुख़ालिफ़त की ।

डी एम के अरकान एहतिजाज के मौक़ा पर पले कार्ड्स थामे हुए थे जिस पर टामिलों के जज़बात मजरूह ना कीजिए और जंगी मुजरिम राजपक्षे को दौरा हिंद की इजाज़त ना दीजिए की इबारात दर्ज थीं । इस शोर-ओ-गुल के दरमयान हुकूमत ने सिक्योरिटीज ऐंड ऐक्सचेंज बोर्ड आफ़ इंडिया (सेबी) के तरमीमी बिल 2009 को वापिस ले लिया । जिस पर एक पारलीमानी कमेटी ने एतराज़ किया था ।