कोडनकुलम( तमिलनाडू), १४ सितंबर ( पी टी आई) न्यूक्लीयर तवानाई प्रोजेक्ट की मुख़ालिफ़त ( विरोध) यहां एक अर्सा से जारी है लेकिन अब एहतिजाजियों ने नया हर्बा ( हथियार) इस्तेमाल करते हुए यहां अनडनथकराई साहिल पर समुंद्र के पानी में ठहर कर इंसान ज़ंजीर बनाई ।
याद रहे कि हाल ही में रियासत मध्य प्रदेश में जल सत्याग्रह मुनज़्ज़म ( संगठित) किया गया था । इस से सबक़ हासिल करते हुए पीवपलज़ मूवमेंट अगनसट न्यूक्लीयर अनर्जी (PMANF) के अरकान ने साहिल समुंद्र से क़रीब पानी में उतरते हुए एहतिजाज के तौर पर इंसानी ज़ंजीर बनाई और हुकूमत के ख़िलाफ़ नारेबाज़ी की ।
हालाँकि एहतिजाज का सिलसिला तक़रीबन एक साल पुराना है लेकिन इस तरीका-ए-कार को अपनाते हुए एहतिजाजी अरकान दरअसल हुकूमत की तवज्जा अपनी जानिब मबज़ूल ( आकृष्ठ) करवाने के लिए बेचैन हैं जो एहतिजाजियों की आवाज़ सुनने तैयार नहीं है ।
एहतिजाज को मद्द-ए-नज़र रखते हुए साहिल समुंद्र के अतराफ़-ओ-अकनाफ़ में पुलिस की भारी जमईयत (दल) ताय्युनात ( तैनात) की गई है । इलावा अज़ीं ( इसके अतिरिक़्त) सिक्योरीटी अहलकारों को भी किसी नाख़ुशगवार वाक़िया से निमटने ताय्युनात किया गया है जबकि एहतिजाज सिर्फ एक रोज़ ही जारी रहेगा । एहतिजाजियों ने अपने चार मुतालिबात सामने रखे हैं जिन में कोंड्नकुलम न्यूक्लीयर तवानाई प्रोजेक्ट में ईंधन की लोडिंग को रोक देना न्यूक्लीयर प्लांट की मुख़ालिफ़त करने वाले क़ाइदीन की गिरफ़्तारी के मंसूबा पर अमल आवरी ना करना जिन्हें नुक़्सानात का सामना है करना पड़ा उन के लिए मुनासिब मुआवज़े और अब तक जिन लोगों को गिरफ़्तार किया गया है उन की आजलाना रिहाई शामिल है ।
यहां इस बात का तज़किरा बेजा ना होगा कि PMANF क़ाइद एस पी उदय कुमार उस वक़्त से हनूज़ ( अभी तक) लापता हैं जब ट्वेटी कोरियन में एहतिजाज के पुरतशदुद होने पर पुलिस फायरिंग के दौरान एक मछीरा हलाक होगया था । जारीया एहतिजाज प्लांट में ईंधन को लोडिंग की मुख़ालिफ़त में किया जा रहा है । 10 सितंबर को खंडवा में जल सत्याग्रह मुनज़्ज़म किया गया था जहां हुकूमत ने एहतिजाजियों से वायदा किया था कि इन के आराज़ीयात के बेहतरीन मुआवज़ो़ के इलावा ओम करीशोर डैम की ऊंचाई भी बढ़ाई जाएगी । याद रहे कि इबतदा-ए-में वज़ीर-ए-आला तमिलनाडू जय ललीता ने भी कोन्डाकुलम न्यूक्लीयर तवानाई प्रोजेक्ट की मुख़ालिफ़त की थी लेकिन जब उन्हें ये बावर करवाया गया कि इस से किसी की सेहत को कोई नुक़्सान नहीं पहुंचेगा और रियासत में बिजली की पैदावार में इज़ाफ़ा होगा तो उन्हों ने रियासत की ख़ुशहाली की ख़ातिर मज़कूरा प्रोजेक्ट को हरी झंडी दिखाई थी ।अब देखना ये है कि जारीया जल सत्य गिरह किस हद तक कामयाब होता है ।