नई दिल्ली: एक ख़ुसूसी अदालत ने सी बी आई को हिदायत दी है कि अमर कोंडा मुर्गा दंगल कोल ब्लॉक अलाकेश अस्क़ाम केस में माख़ूज़ 2 मुल्ज़िमीन बिशमोल कांग्रेस लीडर और सनतकार नवीन जंदाल के ख़िलाफ़ चार्ज शीट के साथ दस्तावेज़ात की नामुकम्मल की कॉपियां उन्हें ( मुल्ज़िमीन ) सरबराह करें।
जब कि केस के बाज़ मुल्ज़िमीन बिशमोल नवीन जंदाल ने अदालत को मतला किया कि सी बी आई ने उन्हें दस्तावेज़ात का जुज़वी हिस्सा सरबराह किया है जिस में बाज़ लापता यह फिर बाज़ क़ानूनी हैसियत नहीं रखते। जिस के बाद ख़ुसूसी अदालत से तहक़ीक़ाती एजेन्सी को ये हिदयत दी है।
बाज़ मुल्ज़िमीन ने अदालत को बताया कि दस्तावेज़ात के जुज़वी हिस्से की जांच की गई जब कि बाज़ इल्ज़ाम आइद किया कि बाज़ दस्तावेज़ात नाक़िस और ना मुकम्मल हैं। मुल्ज़िमीन के वकील ने सी बी आई की जानिब से मुकम्मल दस्तावेज़ात और चार्ज शीट की फ़राहमी के बाद इस के मुताला के लिये मज़ीद मुहलत तलब की।
उन्होंने शिकायत की सी बी आई ने सी डी की शक्ल में जो दस्तावेज़ात हवाले की। उसकी क़ानूनी हैसियत नहीं है क्यों कि हार्ड कापी और सी डी में फ़र्क़ पाया जाता है। ताहम सीनियर पब्लिक प्रोसिक्युटर ( सरकारी वकील ) वे के शर्मा ने बताया कि साबिक़ चीफ मिनिस्टर झारखंड मधोगोड़ा के सिवा-ए-केस के तमाम मुल्ज़िमीन और उनके नुमाइंदा वुकला को चार्ज शीट के साथ मुकम्मल दस्तावेज़ात हवाले कर दिए गए हैं।
इस के बावजूद उन्हें वुकला दिफ़ा ने सी बी आई को ई मेल करते हुए ना मुकम्मल दस्तावेज़ात की निको लात रवाना करने की ख़ाहिश की है और 10,398 सफ़हात पर मुश्तमिल दस्तावेज़ात को सी डी की शक्ल में दिए गए हैं। ये केस जंदाल ग्रुप कंपनीज़, जंदाल स्टील एंड पावर लिमिटेड और गगन स्पंज आवरण प्राइवेट लिमिटेड को कोइल मुख़तस करने में बे क़ाईदगियों से मुताल्लिक़ है।