कोयला अस्क़ाम केस के मुल्ज़िम की जज से मुलाक़ात की कोशिश

नई दिल्ली: कांग्रेस लीडर नवीन जिंदल के ग्रुप से वाबस्ता और कोयला अस्क़ाम केस के एक मुल्ज़िम ने ख़ुसूसी जज से एक से ज़ाइद मर्तबा रुजू होने की कोशिश की जिन्होंने मुस्तक़बिल में इस तरह की हरकतों से बाज़ आ जाने का तंबीया दिया। आज समाअत के दौरान सीनियर ऐडवोकेट हरी हिरन जो कि नवीन जिंदल की पैरवी कररहे हैं अदालत को बताया कि जंदाल ग्रुप इंतेज़ामीया ने इस मसले का संजीदगी से नोट लिया है।

अदालत के ज़राए ने बताया कि मुल्ज़िम ने ख़ुसूसी जज सी बी आई भरत प्रशाद से मुलाक़ात की कोशिश की थी जिस पर अदालत ने ख़बरदार किया था कि इस तरह की हरकत दुबारा करेंगे तो कार्रवाई की जाएगी । मज़कूरा केस में राजीव जैन डायरेक्टर जंदाल अलीसनी प्राईवेट लिमेटेड गिरीश कुमार गोपनजा डायरेक्टर गगन स्पंज आतरन प्राईवेट लिमेटेड मुल्ज़िमीन शामिल हैं।

केस की समाअत शुरू होते ही ख़ुसूसी जज ने तमाम मुल्ज़िमीन के वुकला से कहा कि वार्निंग के बावजूद इस तरह की हरकत दुबारा की गई है और वो केस के रिकॉर्ड्स का तज़किरा करेंगे। जज ने बताया कि ये अफ़सोस के साथ कहना पड़ता है कि सीनियर वुकला की नुमाइंदगी के बावजूद ग़ैर मुतवक़्क़े तौर पर ऐसी हरकतें की जा रही हैं ताहम ख़ुसूसी जज ने मुल्ज़िम के नाम का अफ़शा-ए-नहीं किया जिस ने उनसे मुलाक़ात की कोशिश की थी।

वकील दिफ़ा ने ये वज़ाहत की कि वो इस वाक़िये से ला इलम हैं और मुताल्लिक़ा शख़्स के ख़िलाफ़ कंपनी इंतेज़ामीया की कार्रवाई के बारे में बहुत जल्द अदालत को आगाह करेंगे। समाअत के दौरान अदालत नवीन जंदाल से दरयाफ़त किया कि आया तुम सेटिंग एम पी हो (रुकन पार्लियामेंट ) जिंदल ने कहा कि नहीं।

उन्होंने अदालत में उक़बा नशिस्त पर जाकर बैठ गए अदालत ने सी बी आई की पेश करदा दस्तावेज़ात की जांच केलिए 30 जून तारीख़ मुक़र्रर की।