कोयला नहीं है तो जमीन वापस लेगी सरकार : मर्कज़ी कोयला सेक्रेटरी

रांची. मर्कज़ी कोयला सेक्रेटरी अनिल स्वरूप ने कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र की कोयला कंपनियां झारखंड सरकार को वैसी जमीन वापस करें, जहां कोयला नहीं है। उन्होंने सीसीएल, बीसीसीएल, ईसीएल व अन्य कोयला कंपनियों के अफसरों से कहा कि किस इलाके में कोयला है या नहीं, इसका वे सर्वे कराएं। जहां कोयला नहीं मिलेगा, वह जमीन सरकार वापस लेगी।

प्रोजेक्ट भवन में चीफ सेक्रेटरी राजबाला वर्मा के साथ कोयला कंपनियों की समस्याओं, खनन, जमीन तथा वन अनापत्ति प्रमाण पत्र को लेकर आनेवाली रुकावटों पर समीक्षा बैठक कर रहे थे। स्वरूप ने राज्य सरकार के अफसरों से कहा कि जमीन और फॉरेस्ट क्लियरेंस को लेकर जहां भी समस्याएं हैं, उसे समय सीमा में दूर करें। अड़चनों को निशानदेही कर 30 जून तक उन्हें दूर करें।

उन्होंने बताया कि कारो ओपेन कास्ट प्रोजेक्ट के लिए 42 दरख्वास्त आए हैं, लेकिन वहां जमीन की समस्या का समाधान ही नहीं हुआ है। जमीन की समस्या का भी विस्तार से वर्गीकरण करते हुए केंद्र सरकार को रिपोर्ट दें। पर हर काम टाइम फ्रेम में पूरा करें। साथ ही उन्होंने कहा कि जो कंपनियां माइनिंग नहीं कर रही हैं, उनका लीज रद्द किया जाएगा। जिन कंपनियों ने अब तक दरख्वास्त नहीं दिया है उनसे माइनिंग के लिए सरकार आवेदन ले।