कोयला ब्लाक्स का 10.6 लाख करोड़ रुपये मालियती स्क़ाम

2G स्क़ाम के बाद हुकूमत के लिए एक और ज़बरदस्त परेशानी खड़ी करते हुए कमपटरोलर ऐंड आडीटर जनरल (comptroller and auditor general) ने एक तख़मीना के मुताबिक़ इन्किशाफ़ किया है कि सरकारी खज़ाने को कोयला ब्लॉक्स मुख़तस करने से जो 2004 से 2009 के दौरान नीलाम किए बगै़र 100 ख़ानगी और अवामी शोबा की कंपनीयों को मुख़तस किए गए हैं, 10.6 लाख करोड़ रुपय का नुक़्सान पहुंचा है।

कोयला ब्लाक्स मुख़तस करने के बारे में सी ए जी की मुसव्वदा रिपोर्ट से एक सयासी तूफ़ान पैदा हो गया है। सरकारी आडीटर के बमूजब 6.31 लाख करोड़ रुपय अवामी ज़ेर-ए-इंतज़ाम इदारों और 3.37 लाख करोड़ रुपय ख़ानगी इदारों को फ़ायदा और 2.94 लाख करोड़ रुपय सरकारी खज़ाने का नुक़्सान हुआ है।

इसकी वजह इन बरसों के दौरान मुरव्वजा क़ीमतों के एतबार से मुख़तस की हुई मुस्तक़िल लागत और 31 मार्च 2011 को मुरव्वज क़ीमतें हैं। सी ए जी ने अपनी मुसव्वदा रिपोर्ट में इसकी निशानदेही की है। अपने जवाब में जून 2004 में वज़ारत रेलवे ने कहा था कि कोल इंडिया लिमेटेड की जानिब से सरबराह किए हुए कोयले की क़ीमत और कोयला ब्लाक्स से कोयले की पैदावार की क़ीमत में ठोस फ़र्क़ मौजूद है।

ये कोयला ब्लाक्स महेदूद कानकनी के लिए मुख़तस किए गए थे। चुनांचे जिन्हें मुख़तस किए गए थे उनहीं ज़बरदस्त फ़ायदा पहूँचा। जिसका एक हिस्सा हुकूमत मसह बिकती बोली के ज़रीया हासिल करना चाहती थी। वज़ारत कोयला ने कहा था कि कोयला ब्लाक्स जिन्हें मुख़तस किए गए थे उन्हें फ़ायदा यक़ीनी था।

सी ए जी की रिपोर्ट 2G स्पेक्ट्रम मुख़तस करने के स्कैंडल के एक साल बाद मंज़रे आम पर आई है। 2G स्पेक्ट्रम स्कैंडल में पहले आओ पहले पाओ की बुनियाद पर स्पेक्ट्रम मुख़तस किया गया था जिससे सरकारी खज़ाने को 1.76 लाख करोड़ रुपय का नुक़्सान पहुंचा था।

जबकि कोयला ब्लाक्स मुख़तस करने से 10.6 लाख करोड़ रुपय का नुक़्सान पहूँचा है।