राज्य सभा में आज कोयला स्क़ाम के मौज़ू पर ज़बरदस्त मुबाहिस के दौरान असल अपोज़ीशन पार्टी बी जे पी ने वज़ीर-ए-आज़म मनमोहन सिंह को तन्क़ीद का निशाना बनाया और कोयला स्क़ाम को एक तारीख़ी स्क़ाम क़रार देते हुए गुमशुदा फाईलों पर वज़ाहत करने का वज़ीर-ए-आज़म से मांग किया।
वक़फ़ा सिफ़र के दौरान इस मसले को उठाते हुए बी जे पी क़ाइद प्रकाश जावेदीकर ने कहा कि दो रोज़ पहले वज़ीर-ए-आज़म ने कहा कि जैसा कि अपोज़ीशन समझती है वो कोयला स्क़ाम से मुताल्लिक़ फाइलों की ज़िम्मेदार नहीं है। ताहम जावेदीकर ने कहा कि वज़ीर-ए-आज़म ना सिर्फ़ उन फाईलों के ज़िम्मेदार हैं बल्कि वो पूरी क़ौम और मुल्क के जिम्मादार हैं मगर वो दोनों मुआमले में नाकाम नज़र आरहे हैं।
जावेदीकर ने कहा कि ये तारीख़ी स्क़ाम उस वक़्त पेश आया जब वज़ीर-ए-आज़म वज़ीर कोयला के ओहदे पर फ़ाइज़ थे इस लिए उन्हें इस हवाले से बयान देना चाहिए। उन्होंने कहा कि वो ये जानना चाहते हैं कि सुप्रीम कोर्ट की हिदायत के बावजूद इस हवाले से एफ़ आई आर भी दर्ज किया गया है या नहीं।
कोयला स्क़ाम के हवाले से तन्क़ीदों की बोछार के दौरान वज़ीर-ए-आज़म ने 30 अगस्त को कहा था कि वो वज़ारत कोयला में मौजूद फाईलों से मुताल्लिक़ ज़िम्मेदार नहीं है जिस पर अपोज़ीशन क़ाइद ने तन्क़ीद करते हुए कहा कि वज़ीर-ए-आज़म को इस मुआमला पर पर्दापोशी के बजाय वाज़ह तौर पर बयान देना चाहिए।
उन्होंने कहा कि बदक़िस्मती से वो कमेटी जिसे वज़ीर कोयला श्री प्रकाश जयसवाल ने क़ायम किया था इस में एक ऐसे जवाइंट सेक्रेटरी लेवल के अफ़्सर को शामिल किया गया है जिस पर फाईल की तबदीली का इल्ज़ाम आइद किया गया है। उन्होंने कहा कि ये तो वही बात होगई कि खज़ाने की कुंजी उन्हीं के हवाले करदी गई जिस पर खज़ाने के साथ ग़बन करने का इल्ज़ाम आइद किया गया हो हालाँकि उन्होंने सी बी आई और पब्लिक कमेटी के रूबरू इस बात का एतराफ़ किया था कि तमाम फाईलें गुम होचुकी है।