यूपी से फ़रार हुए एक हिन्दू मुस्लिम जोड़े जिसने दिल्ली में शादी कर ली है का बचाव करते हुए अदालत ने उन्हें यूपी पुलिस की हिरासत में देने से इनकार कर दिया |
हिन्दू परिवार से ताल्लुक रखने वाली 21 वर्षीय महिला ने मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट बबरू भान के सामने दिए गये अपने बयान में कहा है कि वह अपनी मर्ज़ी से 22 वर्षीय मुस्लिम प्रेमी के साथ शादी करने के बाद आनर किलिंग के डर से दिल्ली आयी है |
मजिस्ट्रेट ने यूपी पुलिस की उस याचिका को ख़ारिज कर दिया है जिसमें उसने लड़की का बयान दर्ज करने के लिए उसे अपने साथ ले जाने की मांग की थी |
अदालत ने ये फ़ैसला जोड़े को पनाह देने वाली तंजीम के उस हवाले के बाद दिया है जिसने सुप्रीम कोर्ट का हवाला देते हुए कहा है कि बयान दर्ज कराने के लिए लड़की को साथ ले जाने की क्या ज़रूरत है बयान यहाँ मजिस्ट्रेट के सामने भी लिया जा सकता है |
प्रेमियों को पनाह देने वाली एक तंजीम के अध्यक्ष एडवोकेट एस सी जोशी और संजय सचदेव ने अदालत को बताया कि इस जोड़े को अपने परिवार वालों से जान का खतरा होने की वजह से हमने इन्हें पनाह दी हुई है |
सचदेव ने कहा कि उनके संघठन ने 8 जनवरी को दिल्ली पुलिस और अधिकारीयों को इस बारे में बता दिया था इसके बावुजूद भी यूपी पुलिस ने लड़की के पिता की शिकायत पर लड़के के ख़िलाफ़ FIR दर्ज कर ली |
लड़का और लड़की उत्तर प्रदेश के महाराजगंज से हैं और उनके परिवार वाले अलग अलग मज़हब होने की वजह से उनकी शादी के ख़िलाफ़ थे |
उत्तर प्रदेश पुलिस ने इस जोड़े को हिरासत में लेने के लिए दिल्ली पुलिस से मदद मांगी थी जिसके जवाब में दिल्ली पुलिस ने कहा था कि वो इस मामले के लिए कोर्ट में जाएँ जहाँ दो मजिस्ट्रेट ने लड़की का बयान दर्ज करने से इनकार कर दिया जिसके बाद इस मामले को चीफ़ मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट सुधांशु कौशिक के पास भेजा गया लेकिन दो मजिस्ट्रेट द्वारा लड़की का बयान दर्ज करने से इनकार करने के बाद इस केस को भान के पास भेजा गया |
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