कोलकाता: साम्प्रदायिक एकता में “पश्चिम बंगाल” देश भर में मिशाल है

कोलकाता : ऑल इंडिया मायनॉरिटी फोरम व मदर टेरेसा मेमोरियल पीस कमेटी ने बकरीद के मौके पर लोगों से शांति व सद्भावना बनाये रखने का आह्वान किया है. गुरुवार को एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए फोरम के अध्यक्ष सांसद इदरीस अली ने कहा कि पश्चिम बंगाल में कोई भी उत्सव उस वक्त तक पूरा नहीं होता है, जब तक उसमें सभी धर्म के लोग शामिल न हों. हमारे समाज में सैकड़ों वर्ष से सभी धर्म व जाति के लोग एक-साथ मिलजुल कर रहते आये हैं. यही बंगाल की परंपरा है. हमारा बंगाल के लोगों आवेदन है कि आगामी 13 सितंबर से आरंभ होने जा रहे बकरीद के अवसर पर भी हमेशा की तरह शांति व सद्भावना बनाये रखें. श्री अली ने कहा कि हमारे देश में संविधान ने हमें यह अधिकार दिया है कि कौन क्या खायेगा या क्या पहनेगा, यह उस व्यक्ति पर निर्भर करता है, पर केंद्र की मोदी सरकार लोगों के खाने-पीने पर पाबंदी लगाना चाह रही है, पर उन्हें इसमें कभी भी कामयाबी नहीं मिलेगी.

संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए टीपू सुलतान मसजिद के शाही इमाम मौलाना नुरूर्रहमान बरकती ने कहा कि काफी दिनों से बंगाल की सांप्रदायिक सौहार्द्र को बिगाड़ने का प्रयास चल रहा है. बकरीद के पहले अदालत में केस दर्ज कराने की परंपरा बन चुकी है. भाजपा राज्य में दंगा कराना चाहती है, पर उसकी साजिश कभी भी कामयाब नहीं होगी, क्योंकि बंगाल में हिंदू, मुसलमान, सिख, ईसाई सभी एक साथ मिल कर रहते आये हैं. उन्होंने भी बकरीद के अवसर पर शांति बनाये रखने की अपील की. मौलाना बरकती ने कहा कि वह केंद्र सरकार से मांग करते हैं कि बकरीद के अवसर पर दो दिन की छुट्टी का एलान करे.

नाखुदा मसजिद के इमाम मौलाना शफी कासमी ने अमन व शांति बनाये रखने का आह्वान करते हुए कहा कि सांप्रदायिक एकता के क्षेत्र में पश्चिम बंगाल देश भर में मिसाल है.