कोसी बाढ : बिहार हुकूमत ने दिया जबरन घर खाली कराने का हुक्म

कोसी इलाके में सैलाब का खतरा एक बार फिर बढ़ गया है। हुकूमत ने बचाव के लिए शुरुआती कदम उठाने भी शुरु कर दिये हैं। कोसी इलाके में बिहार, नेपाल की सरहद के पास सैलाब के बढते खतरे को देखते हुए बिहार हुकूमत ने रियासत के नौ जिलों में नदी और इसके किनारों के दरमियान रहने वाले लोगों को जबरन इलाका खाली कराने के हुक्म दिए हैं।

कोसी की मावुन नदी भोटे कोसी को जाम करने वाले भारी अकसरियत के मलबे को जजुई तौर से हटाने के लिए नेपाली फौज की तरफ से कम सलाहियत के दो धमाके कर 1.25 लाख क्यूसेक पानी छोडने के बाद यह कदम उठाया गया है। पानी छोडने से बिहार में नदी के पानी की सतह में इजाफा हो गई है। आफत इंतेजामिया महकमा के खुसुसि सेक्रेटरी अनिरुद्ध कुमार ने सहाफ़ियों से कहा, ‘‘हमने आफ़ात इंतेजामिया एक्ट के दफ़ात को लागू किए हैं ताकि कोसी के खतरे वाले इलाकों में रहने वाले लोगों को जबरन खाली कराया जा सके।

अब तक हमने 16800 लोगों को बाहर निकाला है लेकिन 60 हजार से ज्यादा लोग अब भी नदी और इसके किनारों पर रह रहे हैं। ’ कुमार ने कहा, ‘‘हमारे नए तजवीज के मुताबिक अगर नदी में बाढ आती है तो रियासत में कोसी के आसपास रह रहे 4.25 लाख लोग मुतासीर होंगे। हम उन तमाम को हटाने की कोशिश कर रहे हैं। ’’ नेपाल के सिंधुपालचोक जिले के जूरे में भारी अकसरियत के बाद भोटे कोसी में बांध बन गया। यह जगह काठमांडो के जुनूबी और बिहार-नेपाल की सरहद से तकरीबन 260 किलोमीटर की दूरी पर है।