नई दिल्ली: एक कोस्ट गार्ड ऑफीसर कमांडैंट चन्द्र शेखर जोशी जिन्होंने एक मुश्तबा पाकिस्तानी को घेर लिया था और कुशी में सवार मुबय्यना अस्करीयत पसंदों ने31दिसम्बर 2010 को अपने आपको धमाके से उड़ालिया था, वज़ीर-ए-दिफ़ा मनोहर पारीकर ने उन्हें सदर जम्हुरिया बहादुरी ऐवार्ड पेश किया।
कमांडेंट अभय अंबेडकर जो कि एरटो सर्व फ़ीस फ़िज़ा-ए-से ज़मीन पर कार्यरवाई में राबिता कार थे और मुश्तबा कुश्ती का बरवक़्त पता चलाया था उन्हें भी तितरा किशिक गीनलटरी मैडल अता किया गया। कैप्टन जोशी ने1997मे इंडियन कोस्ट गार्ड में शमूलियत इख़तियार की थी और उनकी क़ियादत में इंडियन कोस्ट गार्ड शिप राज रतन को गुजरात के साहिल पर समुंद्री सरहदों की हिफ़ाज़त के लिए मुतय्यन किया गया था।
उन्होंने देखा कि एक मुश्तबा कशती बरक़रफ़तारी के साथ हिन्दुस्तानी साहिल के क़रीब आरही है । इस क्षति को चार सवारों के साथ ग़र्क़ाब करने की कोशिश में थे कि अज़खु़द वो धमाके से तबाह करली गई। वज़ीर-ए-दिफ़ा ने उसवक़्त कहा था कि वाक़ाती शवाहिद से ये इशारा मिलता है कि ये मुश्तबा कशती, दहशत गिरदाना हमले के लिए आरही थी लेकिन साहिली मुहाफ़िज़ों की चौकसी से एक ख़ौफ़नाक हमला नाकाम हो गया।