मुसलसल नाकामियों की वजह से तन्क़ीदों की ज़द में मौजूद हिंदुस्तानी टीम की एशिया कप में वीराट कोहली क़ियादत कररहे हैं और वो टूर्नामेंट में क़ियादत के चैलेंज के लिए तैयार हैं।
हिंदुस्तानी टीम के मुस्तक़िल कप्तान महिन्द्र सिंह धोनी के ज़ख़मी होकर टूर्नामेंट से बाहर होने के बाद वीराट कोहली को क़ियादत की ज़िम्मेदारी दी गई है लेकिन इस मर्तबा क़ियादत में इन के लिए सख़्त चैलेंज दरपेश होगा चूँकि हिंदुस्तानी टीम दौरा जुनूबी अफ़्रीक़ा और दौरा-ए-न्यूज़ीलैंड पर एक भी कामयाबी हासिल नहीं करपाई है|
बंगलादेश में गुजिश्ता एशिया कप भी हिंदुस्तान के लिए तल्ख़ तजुर्बात का नतीजा ही है क्योंकि जिस मुक़ाबला में टीम के मास्टर ब्लास्टर और साबिक़ ओपनर सचिन तेंदुलकर ने अपने वन्डे कैरियर की 100 वीं सेंचुरी स्कोर की थी, जिसका दुनियाए क्रिकेट को एक तवील अर्सा से इंतिज़ार था लेकिन ये शानदार कारनामा भी तल्ख़ तजुर्बा में उस वक़्त तबदील होगया था जब मेज़बान बंगलादेश ने हिंदुस्तान की जानिब से दिए जाने वाले मतलूबा निशाना का कामयाब तआक़ुब करते हुए पाकिस्तान के ख़िलाफ़ फाईनल में रसाई हासिल करली थी और हिंदुस्तान को टूर्नामेंट से बाहर कर दिया था।
सचिन की बैनुल-अक़वामी 100 वीं सेंचुरी इत्तिफ़ाक़ से उनके कैरियर की आख़िरी सेंचुरी साबित हुई थी लेकिन इस बार हिंदुस्तानी टीम इन तमाम तल्ख़ यादों को पसेपुश्त डालते हुए बेहतर मुज़ाहरा के लिए पुरअज्म हैं। कोहली ने यहां आमद पर प्रेस कान्फ़्रेंस से ख़िताब करते हुए कहा कि मैं सिर्फ़ एक टूर्नामेंट के लिए टीम का कप्तान हूँ और ये क़ियादत टीम की मुस्तक़िल कप्तानी से मुख़्तलिफ़ है।
हिंदुस्तानी टीम चहारशंबा को अपना पहला मुक़ाबला मेज़बान बंगलादेश के ख़िलाफ़ खेलेगी और इस मुक़ाबला में कामयाबी के ज़रिया गुजिश्ता टूर्नामेंट में हार की वजह बनने वाली टीम से हिसाब बराबर करने की ख़ाहिश होगी।