हजरत अबू सईद रज़ी अल्लाहु तआला अनहु से रिवायत है के, रसूल-ए-पाक (स०)ने फ़रमाया, आदमी अपनी ज़िन्दगी में एक दिरहम सदका करे, उसके लिए उससे बेहतर है के मौत के वक़्त सौ दिरहम सदका करे। (अबू दाऊद)
हजरत अबू सईद रज़ी अल्लाहु तआला अनहु से रिवायत है के, रसूल-ए-पाक (स०)ने फ़रमाया, आदमी अपनी ज़िन्दगी में एक दिरहम सदका करे, उसके लिए उससे बेहतर है के मौत के वक़्त सौ दिरहम सदका करे। (अबू दाऊद)