कौन हैं हजरत अली ? कैसे बने वो मुसलमानों के खलीफा?

मुसलमानों के चौथे खलीफा के रूप में जाने जाते हैं हजरत अली, इनका असली नाम है अली इंबे अबी तालिब. कल  हजरत अली का जन्मदिन था .इस  दिन सभी मुसलमान एक-दूसरे हजरत अली के जन्मदिन की बधाई देते हैं और उनके द्वारा कहे गए वचनों को याद करते हैं. हजरत अली लोगों को शांति और अमन का पैगाम दिया करते थे. वह आवाम तक अपने शद्बों से बताया करते थे कि इस्लाम कत्ल और भेदभाव करने के पक्ष में नहीं, अपने शत्रु से प्रेम करो इससे वो एक दिन मित्र बन जाएगा. उनका कहना है कि अत्याचार करने वाला ही नहीं उसमें सहायता करने वाला और अत्याचार से खुश होने वाला सभी अत्याचारी ही हैं.

हजरत अली के जन्मदिन के दिन इस्लाम धर्म से जुड़े लोग अपने घरों को सजाते हैं, सभी दोस्तों और परिवार वालों के साथ मिलकर दावत खाते हैं. साथ ही हजरत अली के किस्सों को एक-दूसरों को सुनाते हैं. इनका जन्मदिन सिर्फ भारत या पाकिस्तान में ही नहीं बल्कि पूरे विश्व में मनाया जाता है. यहां जानें हजरत अली से जुड़ी कुछ बेहद ही खास बातें.

1. हजरत अली का जन्म सउदी अरब में स्थित मक्का शहर में हुआ. उनके पिता का नाम अबु तालिक और माता का नाम फातिमा बिंत असद था. और, वह मक्का मदीना में पैदा हुए एकलौते व्यक्ति हैं.
2. हजरत अली को पहला मुस्लिम वैज्ञानिक भी माना जाता है, क्योंकि वह आम लोगों पर विज्ञान से जुड़ी जानकारियों को बहुत ही रोचक ढंग से पहुंचाया करते थे.
3. हजरत अली सुन्नी समुदाय के आखिरी राशिदून और शिया समुदाय के पहले इमाम थे.
4. वह खाने में हमेशा जौ की रोटी और नमक या फिर दूध खाते थे.
5. नमाज़ के दौरान हजरत अली की हत्या की गई थी, बावजूद उसके उन्होंने अपने कातिल को माफ करने की बात

निचे पढ़ें हजरत अली द्वारा कहे गए 15 अनमोल वचन, जिन्हें पढ़कर आप भी उनकी शख्सियत को सराहने लगेंगे. 

नेक लोगों की सोहबत से हमेशा भलाई ही मिलती है क्योंकि
हवा जब फूलों से गुज़रती है तो वो भी खुशबुदार हो जाती है
हज़रत अली
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चुगली करना उसका काम होता है
जो अपने आप को बेहतर बनाने में असमर्थ होता है
हज़रत अली
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कभी भी किसी के पतन को देखकर खुश मत हो
क्योंकि तुम्हें पता नहीं है भविष्य में तुम्हारे साथ क्या होने वाला है
हज़रत अली
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सूरत और सीरत (चरित्र) में सबसे बड़ा फर्क ये है कि
सूरत धोखा देती है जबकि सीरत पहचान करवाती है
हज़रत अली
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आज का इंसान सिर्फ दौलत को खुशनसीबी समझता है
और ये ही उसकी बदनसीबी है
हज़रत अली
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 शरीर की पुष्टि भोजन है
जबकि आत्मा की पुष्टि दूसरों को भोजन करानें में है
हज़रत अली
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जो दुनिया में विश्वास रखता है
दुनिया उसे धोखा देती है
हज़रत अली
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सब्र से जीत तय हो जाती है
हज़रत अली
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महान व्यक्ति का सबसे अच्छा काम होता है
माफ कर देना और भुला देना
हज़रत अली
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कम खाने में सेहत है
कम बोलने में समझदारी है
और कम सोने में इबादत है
हज़रत अली
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जिसको तुमसे सच्चा प्रेम होगा
वह तुमको व्यर्थ और नाजायज़ कामों से रोकेगा
हज़रत अली
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मुसीबतों से दुखी ना हो
क्योंकि दुखी होना मूर्खों का काम है
हज़रत अली
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ज़िल्लत उठाने से बेहतर है तकलीफ उठाओ
हज़रत अली
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इख्तियार ,ताकत और दौलत ऐसी चीजें हैं जिनके मिलने से लोग बदलते नहीं बेनकाब होते हैं
हज़रत अली
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अगर दोस्त बनाना तुम्हारी कमज़ोरी है
तो तुम दुनिया के सबसे ताकतवर इंसान हो
हज़रत अली
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