नई दिल्ली, ११ अक्टूबर (एजेंसीज़) हुकूमत हरियाणा की जानिब से सदर ( अध्यक्ष) कांग्रेस सोनीया गांधी के दामाद राबर्ट वडेरा और बी एल एफ़ पर मेहरबानी करने की इत्तिलाआत ( खबर) की तरदीद ( खंडन) के एक ही दिन बाद सी एन एन । आई बी एन ने इल्ज़ाम आइद किया है की जिन दस्तावेज़ात तक उस की रसाई ( पहुंच) हुई है, उन से ज़ाहिर होता है कि राबर्ट वडेरा ने हरियाणा के इलाक़ा मेवात में कई एकड़ अराज़ी ( ज़मीने) बाज़ार के नाम से कम शरह ( दर) में ख़रीदी है।
दस्तावेज़ात से ज़ाहिर होता है कि राबर्ट वडेरा हरियाणा में जायदादों की ख़रीदारी की मुहिम ( अभियान) चला रहे थे और उन्होंने कई एकड़ अराज़ी ( ज़मीने) 2008 और 2009 में रास्त ( सीधे) काश्तकारों से ख़रीदी है। राबर्ट वडेरा की कंपनी रीयल अर्थ स्टेट्स लिमिटेड ने मेवात के इलाक़ा में 27 एकड़ से ज़्यादा अराज़ी ( ज़मीने) ख़रीदी है और इस इलाक़ा के लिए कलेक्टर की मुक़र्ररा शरह ( दर) से बहुत कम क़ीमत अदा की है।
देहातियों का कहना है कि अराज़ी की फ़रोख्त ( बिक्री) इस इलाक़ा में मुरव्वजा (प्रचलित) शरहों ( दरों) से कमी पर फ़रोख्त इलाक़ा मेवात में आम बात है। अपोज़ीशन ने अब इल्ज़ाम आइद किया (आरोप लगाया) है कि कम क़ीमत पर अराज़ी ( ज़मीने) की वडेरा को फ़रोख्त की तहक़ीक़ात करवाई जानी चाहिऐं।
सी एन एन । आई बी एन के ज़ेर-ए-क़ब्ज़ा दस्तावेज़ात ( कागज़ात) से ज़ाहिर होता है कि राबर्ट वडेरा ने मेवात के अतराफ़-ओ-अकनाफ़ ( आस पास इलाको) में अराज़ी औसतन 2 लाख 60 हज़ार रुपय फ़ी ( प्रति) एकड़ की शरह ( दर) से 2009 में ख़रीदी थी।
रजिस्ट्रेशन की दस्तावेज़ात से ज़ाहिर होता है की मेसर्स रीयल अर्थ स्टेट्स प्राईवेट लिमिटेड ने अपने डायरेक्टर राबर्ट वडेरा के तवस्सुत (मध्यस्था/ बिचौलियापन) से ज़मीनें ख़रीदी हैं। हैरतअंगेज़ बात ये है कि कलेक्टर का इस इलाक़ा के लिए जायदाद की फ़रोख्त की मुक़र्ररा शरह ( दर) देहातों शाकारपुरी और फ़िरोज़ पुर झुर्का मेवात में 16 लाख रुपय फ़ी ( प्रति) एकड़ है।
वडेरा की कंपनी ने देहातियों से अराज़ी हसब-ए-ज़ैल ( निम्नलिखित) शरहों ( दरो) पर ख़रीदी है। रूबी तबस्सुम : दो एकड़ अराज़ी 7 लाख रुपय, आनंद डच फ़ोटस इंडिया लिमेटेड : 8 एकड़ अराज़ी 20 लाख रुपय, मिसिज़ मैमूना : 2 एकड़ अराज़ी 7 लाख रुपय, मिसिज़ रज़ीया : 2 एकड़ अराज़ी 7 लाख रुपय, सुभाष चंद : 2 एकड़ अराज़ी 6 लाख रुपय, मिसिज़ फ़िर्दोस बेगम : 11 एकड़ अराज़ी 24 लाख रुपय मैं फ़रोख़त की गई। औसतन वडरा ने इन ख़रीदारीयों पर जो रक़म अदा की वो 2 लाख 60 हज़ार रुपय फ़ी एकड़ है जबकि उन की कंपनी ने सरकारी कलेक्टर रेट की स्टैंप डयूटी 16 लाख रुपय फ़ी एकड़ अदा की है।
कलेक्टर की शरहें ( दरें) अराज़ी की फ़रोख्त की बुनियादी क़ीमत होती है, जो मालिया के मक़ासिद के लिए मुक़र्रर की जाती है और आम तौर पर अराज़ी की बाज़ारी क़ीमत से कम होती है।