क्या आपका बावर्चीख़ाना साफ़ सुथरा है?

नई दिल्ली, २८ सितंबर ( पी टी आई) एक हालिया जायज़े के मुताबिक़ जहां हिफ़्ज़ान-ए-सेहत को मौज़ू ( विषय) बनाया गया था वहां ये बात सामने आई कि बावर्ची ख़ानों में सफ़ाई केलिए इस्तेमाल किए जाने वाला कपड़े का टुकड़ा सब से ज़्यादा गंदा होता है और दूसरे नंबर पर बावर्ची ख़ानों के नल का ज़िक्र किया गया है जो चूल्हे के प्लेटफार्म से मुत्तसिल (करीब) सम्प में बर्तन धोने के लिए इस्तेमाल किया जाता है ।

हाईजन कौंसल की जानिब से मुनाक़िदा सर्वे में कहा गया है कि प्लेटों को साफ़ करने वाला तवाल और स्पंज भी बावर्चीख़ाने की इंतिहाई गंदी अशीया में शुमार किया जाता है । तवाल और स्पंज में बैक्ट्रिया जमा हो कर उन की अफ़्ज़ाइश होती है जो बावर्चीख़ाने और इस के आस पास जरासीम ( कीटाणू) पैदा करने में मुआविन (सहायक) साबित होते हैं ।

ख़ुसूसी तौर पर हिंदूस्तानी घरानों के बावर्ची ख़ानों में इस्तेमाल किए जाने वाले कपड़े के टुकड़े को जरासीम ( कीटाणुओ) का पलंदा क़रार दिया गया है । इस जायज़े का मतलब लोगों को खौफ़ज़दा करना ( डराना) नहीं है बल्कि बावर्ची ख़ानों में इस्तेमाल होने वाली अशीया ( चीजों) को साफ़ सुथरा रखने पर ज़ोर देना है।