क्या इजरायल के खात्मे का वक्त तय हो गया है?

इस्राईली इतिहासकार ने भी इस्राईल के भविष्य के बारे में वही बात कही जो बात इस्लामी क्रान्ति के वरिष्ठ नेता ने कही है। ज़ायोनी इतिहासकार बेनी मॉरिस ने कहा है कि अगले 30 साल में इस्राईल का वजूद ख़त्म हो जाएगा और इस्राईली एक अल्पसंख्यक बन कर रह जाएंगे।

इरना के अनुसार, बिन मॉरिस ने गुरुवार को ज़ायोनी अख़बार हआरेत्ज़ से इंटरव्यू में कहा कि इस्राईल को पतन का सामना होगा और अल्पसंख्यक के रूप में इस्राईली विशाल फ़िलिस्तीन के समुद्र में डूब जाएंगे और अगले 30-40 साल में अरब, इस्राईलियों पर छा जाएंगे।

ज़ायोनी इतिहासकार ने जो बिन गोरियन यूनिवर्सिटी में पश्चिम एशिया अध्ययन संकाय में प्रोफ़ेसर हैं, इस विषय पर 9 साल अध्ययन किया और उनका मानना है कि फ़िलिस्तीनी पूरे अतिग्रहित इलाक़ों को अपने अधिकार में रखने की आकांक्षा से पीछे नहीं हटेंगे और भूमि के विभाजन के आधार पर भी शांति क़ायम नहीं होगी क्योंकि फ़िलिस्तीनी पूरे अतिग्रहित इलाक़े को अपने नियंत्रण मे लाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।

इस ज़ायोनी इतिहासकार ने अपने इंटरव्यू में कहाः इस समय अतिग्रहित इलाक़ों में इस्राईलियों की तुलना में अरब अधिक संख्या में रह रहे हैं और यह पूरा क्षेत्र एक ऐसे देश में बदलने वाला है जिसकी आबादी का बड़ा भाग फ़िलिस्तीनी होंगे और इस्राईली अल्पसंख्यक हो जाएंगे जिसकी वजह से वह अमरीका और पश्चिम फ़रार करेंगे।

मॉरिस ने कहाः इस्राईल नहीं बचेगा और फ़िलिस्तीनी विजयी होंगे और 30-50 साल में इस्राईलियों पर वर्चस्व जमा लेंगे। ग़ौरतलब है कि इस्लामी क्रान्ति के वरिष्ठ नेता आयतुल्लाहिल उज़्मा सय्यद अली ख़ामेनई ने दिसंबर 2016 में एक बयान में अगले 25 साल में इस्राईल के वजूद के ख़त्म होने की भविष्यवाणी की है।

साभार- ‘parstoday.com’