क्या इजरायल से संबंध को गहरा बनाकर क्या मुस्लिम दुनिया को धोखा दे रहे हैं कुछ अरब देश?

यमन के अंसारुल्लाह संगठन के प्रमुख ने इस्राईल के साथ कुछ अरब देशों के संबंध सामान्य करने के प्रयासों को इस्लाम की शिक्षाओं के ख़िलाफ़ बताया है।

पार्स टुडे डॉट कॉम के अनुसार, रविवार को टीवी से सीधे प्रसारित होने वाले अपने संबोधन में यमनी नेता अब्दुल मलिक अल-हौसी ने कहा, यमन के ख़िलाफ़ जारी युद्ध में इस्राईल अतिक्रमणकारियों का साथ दे रहा है। यमन के बारे में उनकी दुश्मनी उनकी मीडिया रिपोर्टों से ज़ाहिर होती है।

उन्होंने कहा, निंदनीय वारसॉ सम्मेलन वास्तव में इस्राईल के साथ संबंधों को सामान्य बनाने की घोषणा थी। अल-हौसी का कहना था कि जारी प्रक्रिया से अमरीका और इस्राईल को मध्यपूर्व में अधिक मनमानी करने की छूट मिल जाएगी।

उन्होंने कहा, इस्लामी जगत के किसी भी एक भाग पर क़ब्ज़े का अर्थ मुसलमानों को निशाना बनाया जाना है। इसलिए इस्राईल को मान्यता प्रदान करना, इस्लामी शिक्षाओं विरुद्ध है।