क्या इन वजहों से सरकार ने NDTV के बैन को स्थगित कर दिया ?

फ़हद सईद

नई दिल्ली। केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री वैंकया नायडू का कहना है कि भले ही एनडीटीवी पर लगाए गए एक दिन के बैन को स्थगित कर दिया गया है, लेकिन ये साफ है कि चैनल ने गलती की थी। नायडू ने अपनी बात ट्वीट कर कहा कि सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय की आंतरिक जांच में पाया था कि चैनल ने पठानकोट आतंकी हमले के कवरेज में राष्ट्रीय सुरक्षा से समझौता किया था। इसके बावजूद सरकार ने लोकतांत्रिक मुल्यों के तहत इसका बैन स्थागित किया है।। यह फैसला तब आया जब एनडीटीवी की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट मंगलवार को इस बैन पर स्‍टे संबंधी सुनवाई के लिए तैयार हो गई थी। इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक जिन जानकारियों को सार्वजनिक किए जाने का आरोप एनडीटीवी पर लगाया गया है, उसे पहले ही सेना और अन्य मीडिया माध्यमों द्वारा सार्वजनिक किया जा चुका था। अब सवाल यही है कि सरकार के बैन के फरमान के शिकार सिर्फ एनडीटीवी क्यों? क्या सरकार इसलिये पीछे हट गई क्योंकि उसे पता था कि सुप्रीम कोर्ट में यह मामला टिकने वाला नहीं ?

एनडीटीवी इंडिया की रिपोर्ट?
इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक मंत्रालय ने एनडीटीवी जिस प्रसारण पर आपत्ति जताई थी वह है-

संवाददाता: “दो आतंकी जिंदा है, और उसी जगह पर हथियारों का डिपो जाओ वहाँ बिलकुल उनके करीब है। और हमारी सेना के जवान, NSG के जवान आतंकियों से लोहा ले रहे है, उनको डर इस बात का कई, चिंता इस बात का है, कहीं आतंकियों की पहुँच उस हथियार के डिपो तक हो जाती है, तो फिर उन आतंकियों से निपटना आसान नहीं होगा, बहुत मुश्किल हो जाएगा। क्योंकि उस हथियार के डिपो में राकेट लांचर, मोर्टार जैसे कई हथियार हैं, जो और ज्यादा तबाही मचा सकते हैं।”

संवाददाता: “दो आतंकियों का ग्रुप आया था, जो कही इधर-उधर गए होंगे, हो सकता है ठीक उसके सामने वहां एअरपोर्ट भी है, दूसरा आर्मी का बेस भी है, तो कहीं भी जा सकते हैं। इस तरह पूरी पक्की सावधानी के साथ चप्पे-चप्पे में छान लेना चाहते हैं, उसके बाद ही यह ऑपरेशन को खत्म करने का ऐलान किया जायेगा।”

एंकर: “साथ ही आखिरी सवाल राजीव, जैसे की बड़े इलाके में एयरफोर्स बसे फैला हुआ है, जिसमें परिवार भी है, स्कूल भी है शायद, वहाँ हेलीकाप्टर भी है, मिग है तो इतने बड़े इलाके में जब छानबीन की जाती है, इतने बड़े इलाके में फिजिकली जाकर जब इंस्पेक्ट किया जाता है तो चुनौतियां क्या रहती हैं?”

संवाददाता: “बिलकुल चुनौतियां बहुत ज्यादा और खासतौर से शुरू से ही जैसे की पठानकोट एयरबेस पर आतंकियों ने हमला किया, तो वहाँ जो एयरफोर्स के जवान थे स्पेशल फ़ोर्स के जवान थे, उनको चिंता इस बात की थी कि वह टेक्निकल एरिया में न जा पायें। आपको यह बता दें कि वहाँ टेक्निकल एरिया में मिग-21, बीसों अटैक हेलीकाप्टर, MI-35, MI-25 है, और यहाँ फ्यूल टैंक वहाँ पर मौजूद था, यह बहुत बम की तरह होते हैं, अगर आतंकी वहां पहुँच जाते तो उस इलाके में बस तबाही का अंदाज़ा ही लगाया जा सकता है, चूंकि आज पठानकोट एयरबेस जो है वहां सिविलियन आबादी के बिलकुल करीब पहुंच जाते, तो तबाही बहुत भारी भरकम होती। उनकी कोशिश यह थी की आतंकियों को डोमेस्टिक एरिया में लिमिट किया जाए, एक छोटे से एरिया में लिमिट किया जाए ताकि अपने ऑपरेशन को बेहतर तरीके से चला सके और आतंकी ज्यादा डैमेज ना कर पाएं।”

सेना के अधिकारियों का बयान

एनडीटीवी के इस लाइव प्रसारण से ठीक पहले सेना के तीन अधिकारियों ने कई जानकारियों को मीडिया में बताया था। इन अधिकारियों के मीडिया को वहीं संवेदनशील सुचना दी जिसको सार्वजनिक करने का आरोप एनडीटीवी पर लगा था।

एयर ऑफिसर कमांडिंग जेएस धूमन: “ऑपरेशन अभी भी जारी है, और जैसा की आपको बताया है, यह काफी बड़ा एयरबेस है, स्ट्रेटेजिक एसेट्स के अलावा यहाँ पर काफी फॅमिली रहती हैं, स्कूल है, यह एक मिनी-सिटी है।”

ब्रिगेडियर अनुपिंदर सिंह: ये आतंकवादी काफी तैयारी के साथ आए हैं। वो महत्वपूर्ण पठानकोट एयरबेस में मौजूद कीमती युद्ध सामग्री को नुकसान पहुंचा सकते हैं, जिनमें एयरक्राफ्ट और हेलीकॉप्टर भी शामिल हैं।

ब्रिगेडियर अनुपिंदर सिंह: आतंकवादी एक दो मंजिला इमारत में घुस गए हैं, जिसमें वायु सेना के कर्मचारी रहते हैं। अभी इमारत को आतंकियों से खाली कराने के लिए ऑपरेशन अभी जारी है।

अन्य मीडिया की रिपोर्ट-

एनडीटीवी इंडिया की रिपोर्ट से ठीक दो दिन पहले यानी 2 जनवरी को इंडिया टूडे वेबसाइट की खबर- “आतंकियों को एयरबेस के डोमेस्टिक एरिया में घेर लिया गया है और बेस में मौजूद मिग-29 फाइटर जेट और हेलीकॉप्टरों कोई नुकसान नहीं पहुंचा है।”

तीन जनवरी को टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट- “एयरबेस में मिग-21 फाइटर जेट, एमआई-35 हेलीकॉप्टर के अलावा जमीन से हवा में मार करने वाली पेचोरा मिसाइल और दूसरी कई मिसाइल और सर्विलांस राडार हैं।”

दो जनवरी को द हिंदू की रिपोर्ट- “मिग-21 फाइटर जेट, एमआई-25 और एमआई-35 हेलीकॉप्टर टेक्निकल एरिया में हैं।”

तीन जनवरी को इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट- “भारतीय वायुसेना के सूत्रों के अनुसार एयरबेस में मिग-21 फाइटर जेट, एमआई-35 हेलीकॉप्टर, मिसाइल और दूसरी कई महत्वपूर्ण युद्ध सामग्री सुरक्षित है और आतंकियों को टेक्निकल एरिया के नजदीक जाने से रोक दिया गया है जहां पर ये महत्वपूर्ण आयुध रखे हैं।”

तीन जनवरी को टेलीग्राफ, आज तक, इंडिया टीवी, न्यूज 24, एबीपी न्यूज जैसे चैनलों पर भी पठानकोट हमले की रिपोर्टिंग के दौरान ऐसी जानकारियां दी जा रही थीं।