क्या इमरजेंसी की और बढ़ रहा है कश्मीर?

कश्मीर में चल रही हिंसा में आठवें दिन भी हालात तनावपूर्ण बने रहे और हिंसा पर काबू पाने के लिए प्रशासन ने घाटी में अखबारों पब्लिकेशन पर बैन लगा दिया। एक लोकल अखबार के ऑफिस पर छापा मार प्रशासन ने प्रतियां जब्त कर लीं है। इस मामले में कश्मीर के पत्रकारों ने प्रदर्शन किया।  सूत्रों का कहना है कि 1990 के बाद ऐसा पहली बार है जब मीडिया पर इस तरह की बंदिशें लगाई गई हैं।  एक तरफ जहाँ कई इलाकों में पाकिस्तानी झंडे लेकर नारेबाजी की जा रही है वहीँ पुलिस पर हमले किये जा रहे हैं।  जान बचाने के लिए पुलिस की तरफ से की गई फायरिंग में एक प्रदर्शनकारी शौकत अहमद की मौत हो गई और दर्जनभर घायल हुए। साथ ही बांडीपोरा के वूलर पार्क में पुलिस गार्ड रूम पर हमला किया गया। हमले में सब इंस्पेक्टर समेत चार पुलिसकर्मी घायल हो गए। लगातार बढ़ रही हिंसा को देखते जहाँ मोबाइल-टेलीफोन सर्विस बंद रखी गई हैं वहीँ  लोकल टीवी केबल नेटवर्क भी बंद करवा दिया गया है। शुक्रवार को पाकिस्तान के संघीय कैबिनेट ने कश्मीर के अलगाववादी नेता बुरहान बानी की मौत के खिलाफ पूरे देश में ब्लैक डे मनाने का फैसला किया था। जम्मू में 2 दिन से रुकी अमरनाथ यात्रा का जत्था शनिवार को कड़ी सुरक्षा के बीच रवाना किया गया।