क्या इमरान ख़ान पाकिस्तान के मसीहा साबित होंगे ?

नई दिल्ली। 4 दिसमबर (एजैंसीज़) क्रिकेटर से सियासत दां बनने वाले इमरान ख़ान जो अपनी क़ायम करदा तहिरीक-ए-इंसाफ़ पार्टी के सदर भी हैं, ने अब मुसम्मम इरादा करलिया है कि वो आइन्दा इंतिख़ाबात जीत कर मुल़्क की क़ियादत करेंगे। जहां-जहां उन के अवामी जलसा मुनाक़िद होरहे हैं, वहां वहां अवाम का ज़म्म-ए-ग़फ़ीर देखा जा रहा है जिस से ये वाज़िह होजाता है कि पाकिस्तानी अवाम ने अब इमरान ख़ान को अपना नया क़ाइद तस्लीम करलिया है क्योंकि अवाम एक अर्सा से मुल्क में तबदीली के ख़ाहां हैं।

इमरान ख़ान को अपना ये सयासी मुक़ाम हासिल करने में 16 साल से ज़ाइद का तवील अर्सा लग गया। वो मौरूसी हुकूमत के सख़्त मुख़ालिफ़ हैं और उन का अभी से ये कहना है कि वो सियासत में अपने बच्चों को हरगिज़ आने नहीं देंगे। इमरान ख़ान ने मुल्क के बाअज़ हिस्सों में अमरीकीयों की मौजूदगी पर शदीद एहतिजाज करते हुए उन के फ़ौरी तख़लिया का मुतालिबा किया। इमरान ख़ान मुल्क से बदउनवानी के ख़ातमा के ख़ाहां हैं। इन के मुताबिक़ बदउनवानीयाँ पाकिस्तान को दीमक की तरह चाट रही हैं।

उन्हों ने कहा कि वो टकराव का कोई नज़रिया नहीं रखते। यहां तक कि मसला-ए-कश्मीर की यकसूई भी बातचीत के ज़रीया ही की जा सकती है। यहां इस बात का तज़किरा दिलचस्प होगा कि कुछ गोशों से ये ग़ैर मुसद्दिक़ा रिपोर्टस भी मिल रही हैं कि पाकिस्तान की हिक्मत-ए-अमली के माहिर शाहीन मज़ारि जिन्हों ने इमरान ख़ान की पार्टी में सब से पहले शमूलीयत इख़तियार की थी लेकिन हिंदूस्तान के तईं उन के अदम टकराव के रवैय्या की वजह से पार्टी छोड़ने वाले भी वही सब से पहले शख़्स साबित हुए, कहा कि-

इमरान ख़ान पाकिस्तान के लिए एक नए आग़ाज़ और माज़ी से इस की वाबस्तगी को बिलकुल्लिया ख़तम करदेना चाहते हैं जहां एक साफ़ सुथरा और बदउनवानीयों से पाक मुआशरा उन का ख़ाब है जिसे शर्मिंदा ताबीर होने में अब ज़्यादा अर्सा बाक़ी नहीं है। अवाम माज़ी के क़ाइदीन की तक़ारीर सुन सुन कर बेज़ार होचुके हैं और इमरान के जलसों में जो भीड़हे, वो यक़ीनन नई तबदीलीकी जानिब पेशरफ़त है।