* एक दफ़ा एक मशहूर शायर किसी होटल में खाना खाने के लिए जा रहे थे। रास्ते में एक दोस्त मिल गए। उन्हें भी साथ ले लिया।
होटल पहुंचकर शायर साहिब ने पूछा : क्या खाओगे?
इन साहिब ने जवाब दिया, मैं तो खाना खाकर आया हूँ। अगर आप इतना ही इसरार कर रहे हैं तो दूध पी लेता हूँ।
चुनांचे उन्होंने अपने लिए मुर्ग़ी और दोस्त के लिए दूध मंगवाया। जब शायर साहिब मुर्ग़ी खा चुके तो उसकी हड्डियों पर ज़ोर आज़माई करने लगे। जब हड्डियों में से कड़ाक कड़ाक की आवाज़ें आने लगीं तो उनके दोस्त ने उन से तंज़िया पूछा-आप के शहर के कुत्ते क्या करते हैं?
शायर ने अपने काम को बड़े इतमीनान-ओ-सुकून से जारी रखते होई कहा: भई वो दरअसल दूध पीते हैं!