क्या थिएटर में मूवी से पहले राष्ट्रगान चलाने पर देशभक्ति जागेगी: ओवेसी

नई दिल्ली:सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को एक अहम फैसला सुनाते हुए कहा था कि सभी सिनेमा घरों में फिल्म के शुरू होने से पहले राष्ट्रगान चलाना होगा. जिस पर एआईएमआईएम के प्रमुख असददुद्दीन औवेसी ने सुप्रीम कोर्ट के उस फैसला का स्वागत किया है, जिसमें कहा गया है कि देशभर में सभी सिनेमाघरों में मूवी से पहले राष्ट्रगान चलाया जाऐ. लेकिन औवेसी ने यह भी सवाल उठाया है कि क्या इस फैसले से देशभक्ति की भावना जागेगी.

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जनसत्ता के अनुसार, औवेसी ने पूछा, ‘यह फैसला सही है. इसका पालन किया जाना चाहिए. लेकिन सवाल यह पैदा होता है कि जब राष्ट्रगान चलेगा तो लोगों का खड़ा होना जरूरी है? क्या इससे देशभक्ति या राष्ट्रभक्ति की भावना बढ़ाने में मदद मिलेगी?’ पिछले महीने गोवा में एक सिनेमाघर में राष्ट्रगान के वक्त एक अपंग युवक के खड़े नहीं होने पर मारपीट की घटना का जिक्र करते हुए औवेसी ने पूछा कि ‘ऐसे मामलों में क्या किया जा सकता है?’
औवेसी ने आगे कहा, ‘मेरा मानना है कि बच्चों को शुरुआत से ही राष्ट्रगान का सम्मान करना सिखाया जाना चाहिए. सरकार को 1971 एक्ट में संशोधन करना चाहिए.’
भारतीय जनता पार्टी ने भी राष्ट्रगान से संबंधित उच्चतम न्यायालय के फैसले का स्वागत किया है. भाजपा का कहना है कि इससे राष्ट्रवाद की भावना और एक भारत, श्रेष्ठ भारत के विचार को मजबूती मिलेगी.
बता दें कि श्याम नारायण चौकसे के सिनेमाघरों में राष्ट्रगान चलाने की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को एक अहम फैसला सुनाते हुए कहा कि सभी सिनेमा घरों में फिल्म के शुरू होने से पहले राष्ट्रगान चलाना होगा. साथ ही कहा गया है कि राष्ट्रगान के वक्त स्क्रीन पर तिरंगा भी दिखाना होगा और राष्ट्रगान के सम्मान में सभी दर्शकों को खड़ा होना होगा. सुप्रीम कोर्ट ने इससे देशभर में लागू करने के लिए 10 दिन का समय दिया है. याचिका में मांग की गई थी कि देशभर में सिनेमाघरों में फिल्म शुरू होने से पहले राष्ट्रगान बजाया जाना चाहिए और इसे बजाने तथा सरकारी समारोहों और कार्यक्रमों में इसे गाने के संबंध में उचित नियम और प्रोटोकॉल तय होने चाहिएं, जहां संवैधानिक पदों पर बैठे लोग मौजूद होते हैं.