क्या पॉन्टी का कत्ल 2000 करोड़ रुपए के लिए हुआ ?

नई दिल्ली, ०२ दिसंबर: उत्तर प्रदेश के शराब और रियल इस्टेट के ताजिर पॉन्टी चड्ढा और उनके भाई हरदीप चड्ढ़ा के कत्ल की जांच में ब्लैक मनी का मामला भी जुड़ गया है।

क्राइम ब्रांच के जराए के मुताबिक, सुखदेव सिंह नामधारी के अलावा उसके पीएसओ सचिन त्यागी और पॉन्टी के सेक्यूरिटी मैनेजर नरेंद्र से पूछताछ से जो इत्तेला मिली हैं, उससे शक गहरा रहा है कि नामधारी ने ही इस डबल मर्डर की पस ए मंज़र तैयार किए होंगे। पुलिस पूरे मामले को इस साल फरवरी में नोएडा में पॉन्टी के सीएसएम मॉल और फॉर्म हाउस पर हुई इनकम टैक्स रेड से जोड़कर देख रही है।

ज़राए के मुताबिक, यूपी और दिल्ली समेत पॉन्टी के कई ठिकानों पर रेड की इत्तेला पहले ही मिल गई थी। इसके बाद पॉन्टी ने करीब दो सौ करोड़ रुपए नामधारी को अपने पास रखने के लिए दे दिए थे। पुलिस को यह भी पता लगा है कि पॉन्टी ने मुल्क के बाहर साउथ अफ्रीका में 2000 एकड़ जमीन खरीदी थी| पुलिस यह शक कर रही है कि कहीं ह जमीन नामधारी के नाम तो नही?

पॉन्टी की बेनामी जायदादों और ब्लैक मनी का राज़दार होने की वजह से पुलिस को शक है कि इन तमाम जायदादो को हड़पने के लिए नामधारी ने साजिश के तहत पॉन्टी और हरदीप चड्ढा के बीच चल रहे झगड़ों के शोलों को हवा दी और इसे इस मुकाम तक पहुंचाया कि दोनों ने 17 नवंबर को छतरपुर में 42 नंबर फार्महाउस पर एक-दूसरे पर बंदूक तान दी।

पुलिस नामधारी के कॉल डीटेल्स की जांच पड़ताल में लगी है। और यह जानने की कोशिश हो रही है कि क्या नामधारी पॉन्टी के अलावा उसके भाई हरदीप के भी टच में था और उसने मामला ‘क्रॉस’ कर दिया हो?

एक ऑफिसर का कहना है कि बाकी नुक़्ता ए नज़र के अलावा इस नुक्ता से भी जांच की जा रही है कि नामधारी ने हरदीप को क्यों मारा। गौरतलब है कि हरदीप की पीठ में नामधारी के तरफ चलाई गई गोली लगी है, इसलिए उस पर मर्डर की धारा भी लगा दी गई है।

जहां तक पॉन्टी और नामधारी के बीच अरबों रुपए की डील, लेन देन, करोड़ों रुपए जगह-जगह नामधारी की जानकारी में बेनामी तरीके से लगे होने का सवाल है, तो इस बारे में परिवार ने कोई शिकायत अभी तक नहीं की है। अपनी तरफ से पुलिस सभी नुक्ता ए नज़र को ध्यान में रख रही है।

ज़राए के मुताबिक, पॉन्टी और नामधारी ने दिवाली से कुछ दिन पहले से ही फार्म हाउस पर कब्जे को लेकर कोशिश शुरू कर दी थी। हरदीप ने फार्म हाउस के बाहर ‘फॉर सेल’ का बोर्ड लगा दिया, तो मामला चरम पर पहुंच गया। इसके बाद पॉन्टी और नामधारी की सरगर्मीया तेज हो गईं।

पुलिस यह पता लगाने की कोशिश में है कि नामधारी ने कहीं फोन करके हरदीप को तो नहीं उकसाया था? कहीं वह एक तरफ तो पॉन्टी को आगे कब्जे के लिए बढ़ाता रहा, दूसरी तरफ हरदीप के मन में जहर भरता रहा हो कि जब आएंगे, तो निपटा देना? फिर जब हरदीप ने पॉन्टी पर गोलियां चला डालीं, तो राज़ और अरबों के लेन-देन की जानकारी को वहीं दफन कर देने के इरादे से नामधारी ने हरदीप पर गोलियां चला दीं? पुलिस फिलहाल इन तमाम सवालों को सुलझाने में लगी है।