क्या प्रज्ञा ठाकुर को टिकट देकर बीजेपी ने बड़ी गलती कर दी?

दिग्विजय सिंह बनाम प्रज्ञा सिंह ठाकुर की लड़ाई ने भोपाल को इस चुनाव की सबसे हाई प्रोफाइल सीटों में से एक बना दिया है। लेकिन क्या उम्मीदवार चुनने में यहां बीजेपी से कोई चूक हो गई?

भोपाल के कई सारे चौराहों पर ‘मैं भी चौकीदार’ की टीशर्ट पहने और टोपी लगाए बीजेपी कार्यकर्ता दिखते हैं। ये चौराहे की ट्रैफिक लाइट पर रुकने वाले वाहन चालकों को तुरंत एक पर्चा पकड़ा देते हैं।

इस पर्चे पर ऊपर बड़े-बड़े शब्दों में लिखा है ‘कांग्रेस का दुष्प्रचार और साध्वी का सच’। पूरे पर्चे में प्रज्ञा सिंह ठाकुर का जीवन परिचय और प्रज्ञा द्वारा सुनाए जाने वाली कथित टॉर्चर की कहानी शामिल है।

कथित टॉर्चर इसलिए क्योंकि मानवाधिकार आयोग ने जांच करने पर टॉर्चर की इस कहानी को झूठा पाया था। इस पर्चे में न्याय व्यवस्था की एक पंक्ति “नॉट गिल्टी टिल प्रूवन” का अच्छा इस्तेमाल किया गया है। प्रज्ञा के ऊपर लगे आरोपों पर अभी कोर्ट में ट्रायल चल रहा है। लेकिन इन पर्चों में उन्हें निर्दोष साबित करने की कोशिश की है।

ई-2 एरिया कॉलोनी में स्थित प्रदेश बीजेपी कार्यालय में गहमागहमी तेज है। इस कार्यालय के बाहर एक पोस्टर लगा है ‘बंटाधार रिटर्न्स’। इसमें दिग्विजय सिंह के 10 साल के मुख्यमंत्रीकाल की कमियों को दिखाया गया है।

इसके साथ दूसरे पोस्टर में कुछ न्यूजपेपर कटिंग लगी हैं। इन सबका सीधा निशाना दिग्विजय सिंह पर है। पार्टी मुख्यालय के अंदर भी गहमागहमी तेज है। नरेंद्र मोदी के मुखौटे लगाए लोग फोटो खिंचवा रहे हैं।

बीजेपी के संगठन में बड़े थिंकटैंक माने जाने वाले विनय सहस्रबुद्धे और केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावडेकर यहां प्रेस कॉन्फ्रेंस करने आए हैं। जावडेकर अपनी बात पूरी करते हैं, उसके बाद स्थानीय पत्रकार उनसे सवाल शुरू करते हैं। जावडेकर बस चार-पांच सवालों के नपे-तुले जवाब देकर निकल जाते हैं।

साभार- डी डब्ल्यू हिन्दी