क्या बाबा रामदेव गिराना चाहते थे उत्तराखंड सरकार ?

दिल्ली । उत्तराखंड कांग्रेस ने खुलासा करते हुए आरोप लगाया कि योगगुरु स्वामी रामदेव ने भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह से मिल कर उत्तराखंड की हरीश रावत सरकार को गिराने की साजिश की है।

रावत सरकार को गिराने के सिलसिले में स्वामी रामदेव ने हरिद्वार जिले के दो कांग्रेसी विधायकों से कई बार मुलाकात की। आखिरकार इन दोनों कांग्रेसी विधायकों को भाजपा खेमे में शामिल करवाने में स्वामी रामदेव सफल रहे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इशारे पर स्वामी रामदेव और अमित शाह ने उत्तराखंड की कांग्रेस सरकार को अस्थिर करने की साजिश रची है।

पार्टी के वरिष्ठ नेता ने कहा कि अगर उत्तराखंड में राष्ट्रपति शासन लगा तो कांग्रेस सुप्रीम कोर्ट जाएगी। उत्तराखंड कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष किशोर उपाध्याय ने बुधवार को प्रेस कांफ्रेंस करते हुए रावत सरकार को गिराने की साजिश में स्वामी रामदेव के शामिल होने का खुलासा किया। उन्होंने कहा कि धन-बल के बूते रावत सरकार को गिराने की साजिश रची गई।

उपाध्याय ने कहा कि एक संत का इस तरह से राजनीति में हस्तक्षेप करना चिंता का विषय है। उन्होंने हरिद्वार के साधु-संतों से अपील की कि स्वामी रामदेव की रावत सरकार को गिराने की साजिश के खिलाफ वे खुल कर सामने आएं। स्वामी रामदेव पर बरसते हुए किशोर उपाध्याय ने कहा कि स्वामी रामदेव का जो पतंजलि मेगा फूडपार्क और योग का जो तामझाम खड़ा है, वह सब केंद्र में दस साल रही कांग्रेस गठबंधन वाली यूपीए सरकार की ही देन है।

कांग्रेस के बागी विधायकों की तरह ही स्वामी रामदेव ने कांग्रेस की पीठ में छुरा घोंपा है। किशोर उपाध्याय ने कहा कि भाजपा उत्तराखंड का राजनीतिक वातावरण प्रदूषित करने में लगी हुई है। सीमांत प्रदेश के लिए भाजपा की यह हरकत राज्य विरोधी है। उन्होंने कहा कि रावत सरकार 28 मार्च को विधानसभा में बहुमत साबित करेगी।

वहीं दूसरी ओर भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता विनय गोयल ने आरोप लगाया कि रावत सरकार अपनी पार्टी के विधायकों के आंतरिक विरोध के कारण गिरेगी। गोयल ने कहा कि कांग्रेस रावत सरकार की इस दुर्दशा के लिए भाजपा को दोषी ठहरा रही है। जबकि रावत सरकार अपनी इस दुर्दशा के लिए खुद जिम्मेदार है।

कांग्रेस आलाकमान रावत सरकार की अस्थिरता के लिए सीधे-सीधे दोषी है। कांग्रेस के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने कभी भी कांग्रेस सरकार के मंत्रियों और विधायकों को मिलने का समय नहीं दिया। जो रावत सरकार की कारगुजारियों से परेशान थे। भाजपा नेता ने कहा कि राहुल गांधी पर जेएनयू के छात्र संघ के अध्यक्ष कन्हैया कुमार से तो मिलने का समय है, लेकिन उनके पास कांग्रेस के विधायकों से मिलने का समय नहीं हैं।

उत्तराखंड भाजपा ने आरोप लगाया कि शहीद भगत सिंह के बलिदान दिवस की पूर्व संध्या पर देशद्रोही नारे लगाने वाले जेएनयू के छात्र संघ के अध्यक्ष से मिल कर राहुल गांधी ने भगत सिंह की शाहदत का अपमान किया है।

वहीं दूसरी ओर आज अचानक देहरादून पहुंचे कांग्रेस के केंद्रीय सह प्रभारी संजय कपूर ने कहा कि यदि केंद्र सरकार उत्तराखंड में राष्टÑपति शासन लगाने की साजिश करती है, तो कांग्रेस सुप्रीम कोर्ट के दरवाजे खटखटाएगी। कपूर ने उत्तराखंड के बिगड़े राजनीतिक हालातों के आरएसएस और भाजपा को दोषी ठहराया। इस तरह उत्तराखंड में भाजपा और कांग्रेस के नेताओं में आरोप प्रत्यारोप का दौर लगातार जारी है।babaramdev3