क्या मुसलमानों के खिलाफ़ नफ़रत फैलाना ही देशभक्ति है?- आज़म खान

सपा-बसपा गठबंधन के रामपुर संसदीय सीट से प्रत्याशी और पूर्व मंत्री आजम खां ने चुनाव आयोग के फैसले पर सवालिया निशान लगाया है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी ने भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह पर जो आरोप लगाए थे, ठीक उसी तरह की बात मैंने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और दिसंबर 1992 में यूपी के तत्कालीन सीएम को लेकर कही थी।

राहुल गांधी को तो चुनाव आयोग ने क्लीन चिट दे दी है, फिर मेरे उपर बैन क्यों लगाया गया। चुनाव आयोग का 48 घंटे का प्रतिबंध समाप्त होने के बाद आजम खां शुक्रवार को अपने आवास पर पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे।

अमर उजाला पर छपी खबर के अनुसार, उन्होंने कहा कि मेरे कथन और राहुल गांधी के कथन में फर्क क्या है, लेकिन चुनाव आयोग का रवैया मेरे बयान को लेकर पक्षपातपूर्ण रहा।

आजम खां ने कहा कि राहुल गांधी ने भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष पर जो आरोप लगाया थे, उसे चुनाव आयोग ने गलत नहीं माना है। इसका मतलब तो यही हुआ कि राहुल गांधी ने अमित शाह पर जो आरोप लगाए हैं वह सच है।

आजम खां ने कहा कि क्या अल्पसंख्यकों के खिलाफ नफरत फैलाना ही देशभक्ति है। देश के प्रधानमंत्री नफरत की भाषा बोल रहे हैं। ऐसे में तो यही लगता है कि देश अघोषित हिन्दू राष्ट्र बन गया है।

अब बहुसंख्यक समुदाय को यह फैसला करना है कि वह अल्पसंख्यकों को साथ रखना चाहते हैं या नहीं। इस पर बैठकर बात होनी चाहिए। फैसला बड़े भाई को करना होगा।

अगर बड़ा भाई (बहुसंख्यक) अपने छोटे भाई (अल्पसंख्यकों) को साथ नहीं रखना चाहता है, तो वहां कहां जाएंगे, क्या करेंगे, कहां जाएंगे इसका भी फैसला होना चाहिए। आजम खां ने सवाल उठाया कि क्या यही लोकतंत्र है, मेरे साथ तो इंसाफ नहीं हुआ।