वज़ीर ए ख़ारेजा सलमान ख़ुरशीद ने चीफ़ मिनिस्टर गुजरात के सरक्रीक के बारे में उनके तब्सिरे पर जवाबी वार करते हुए आज कहा कि नरेंद्र मोदी को क़ौमी मुफ़ादात से इंतिख़ाबी फ़ायदा के लिए समझौता नहीं करना चाहीए। उनके इत्तिलाआत हासिल करने के ज़रीया के बारे में इस्तिफ़सार करते हुए उन्होंने कहा कि हिंदूस्तान और पाकिस्तान कई अहम मसाइल बिशमोल सरक्रीक पर कई बार बाहम तबादला-ए-ख़्याल कर चुके हैं, जिस का अफ़शा नहीं किया गया।
फिर आख़िर नरेंद्र मोदी को कैसे मालूम हुआ? क्या उन्हें सरहद पार से किसी ने तफ़सीलात की इत्तिला दी है?। नरेंद्र मोदी ने चहारशंबा के दिन एक आम आदमी की हैसियत से वज़ीर-ए-आज़म मनमोहन सिंह को मकतूब रवाना करते हुए मुतालिबा किया था कि सरक्रीक पड़ोसी मुल्क के हवाले ना किया जाए।
वज़ीर-ए-आज़म के दफ़्तर ने इस इल्ज़ाम को बेबुनियाद और शर अंगेज़ क़रार देते हुए मुस्तर्द कर दिया था। सलमान ख़ुरशीद तीन रोज़ के मयनमार के दौरा पर हैं। उन्होंने कहा कि नरेंद्र मोदी को इंतिख़ाबात पर तवज्जा देनी चाहीए, मुल्क का इंतेज़ाम हमारे लिए छोड़ देना चाहीए।
उन्होंने कहा कि हिंद – पाक जामि मुज़ाकरात जारी हैं। मसाइल रातों रात हल नहीं होते, ऐसा मालूम होता है कि नरेंद्र मोदी मुज़ाकरात का मतलब ही नहीं जानते।