क्या यूरोपीय देश एक बार फिर इस्लाम को नीचे दिखाने की साजिश रच रहे है?

नीदरलैंड में इस्लाम धर्म के पैगंबर हजरत मोहम्मद (PBUH) पर आयोजित की गई एक कार्टून प्रतियोगिता पर दुनिया भर में तीखी प्रतिक्रिया हुई है। आरोप लगाए जा रहे हैं कि यूरोप में एक बार फिर इस्लामिक पैगंबर हजरत मोहम्मद (PBUH) का मजाक बनाने और इस्लाम को नीचे दिखने के कोशिश हो रही है।

नीदरलैंड में कार्टून बनाए जाने का मामला सामने आने के बाद दुनियाभर के मुसलमानों में गुस्से की लहर है। पाकिस्तान में इस कार्टून प्रतियोगिता के चलते भारी रोष है। बता दें कि नीदरलैंड्स में यह कार्टून प्रतियोगिता इस साल के अंत में आयोजित की गई है।

गौरतलब है कि इस्लाम में हजरत मोहम्मद (PBUH) की तस्वीर या किसी तरह का कार्टून बनाना प्रतिबंधित है। इसे ईशनिंदा माना जाता है और दुनिया के कई देशों में इसके खिलाफ मृत्यदंड का विधान है।

बता दें कि नीदरलैंड्स के सांसद ग्रीट विल्डर्स इस साल के अंत में क्रिसमस के मौले पर इस्लाम विरोधी कार्टून प्रतियोगिता आयोजित करने जा रहे हैं।

विल्डर्स ने कहा है कि उनके योजना इन कार्टूनों को अपने पार्टी के ऑफिस में रखने की भी है। उनका पक्ष है कि किसी भी स्थिति में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का हनन नहीं होना चाहिए।

नीदरलैंडस में पैगंबर हजरत मोहम्मद (PBUH) पर आधारित कार्टून प्रतियोगिता के आयोजन पर दुनिया भर के मुसलमानों में भारी रोष है। नीदरलैंड में हुए इस आयोजन के खिलाफ दुनिया के कई देशों में व्यापक प्रदर्शन हुए हैं। इंडोनेशिया, ईरान, तुर्की आदि देशों में विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं । पड़ोसी देश पाकिस्तान में इन प्रदर्शनों के खिलाफ भारी रोष है और वहां की जनता इसके खिलाफ सड़क पर उतर गई है।

पैगम्बर मोहम्मद (PBUH) पर कार्टून प्रतियोगिता के खिलाफ लाहौर में भारी प्रदर्शन हुए। कट्टर इस्लामिक संगठन तहरीक-ए-लब्बाएक इस आंदोलन की अगुवाई कर रहा है। बता दें कि तहरीक-ए-लब्बाएक ने इस बार के आम चुनावो में इमरान खान का समर्थन किया था। इससे पहले भी धर्म सुधार को लेकर चलाए जाने वाले एक आंदोलन के दौरान इस संगठन ने 3 हफ्ते तक आम जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया था।

हाल में पीएम बने इमरान खान के लिए इस आंदोलन से निपटना एक बड़ी चुनौती साबित होने जा रही है। सबकी नजर इस पर है कि इमरान खान इस विरोध प्रदर्शन को किस तरह से निपटाते हैं। हालांकि देश के प्रधानमंत्री इमरान खान इस मामले की शिकायत नीदरलैंड के राजदूत से भी कर चुके हैं।

डच विदेश मंत्री स्टेफ ब्लाक से कई देशों द्वारा इस संबंध में आपत्ति जताए जाने पर डच मंत्रालय ने सफाई दी कि वह ऐसे किसी भी प्रतियोगिता के आयोजन की निंदा करता है।

मुस्लिम देशों ने आपत्ति जताई है कि इससे दुनियाभर में नफरत और असहनशीलता फैलेगी। नीदरलैंड के पीएम मार्क रुटे ने भी कहा है कि वह ऐसे किसी भी आयोजन का समर्थन नहीं करते, लेकिन वह अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के अधिकारों को बनाए रखने के पक्ष में हैं।