क्या हज़ारीबाग दंगे मे है बीजेपी का हाथ ?

सियासत हिंदी : शांति कमेटियों की बैठक में आए सुझावों के बाद जिला इंतेजामियां ने हजारीबाग दंगे के दो अहम मौजू को संजीदगी से लिया और दोनों पॉइंट्स पर १. मुतनाजा भजन जिसके गाने से एक तबके को ठेस पहुंचाने वाले थे और २. ज्यादा डीजे साउंड लगाने पर रोक लगाई गई।  
16अप्रैल को बडकागांव रामनवमी में किसी राजनेता के शह पर इसका खिलाफवर्जी किया गया, इसे नतीजा यह हुआ की वहां के एएसपी ने कानूनी कार्रवाई की।  भाजपा की तरफ से सॉरी कहने को मजबुर किया गया। ये सारी बातें अखबारों में आ चुकी है।  

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17 अप्रैल को सुबह 6बजकर 30मिनट पर हजारीबाग रामनवमी का जूलूस जामा मस्जिद रास्ते से अमन से गुजर रहा था।  इंतेजामिया की निजाम से 80फीसद जुलूस आराम से गुजरता रहा।  ऐसे अमन तौर से जुलूस गुजरने से एक खास पार्टी से लोगों को अपनी बेइज्जती महसूस हुई और उसी दिन सुबह किसी भाजपा लिडर के लडके को मार दिये जाने की इत्तिला फैली जिसमें किसी भाजपा लिडर के हाथ होने की इत्तिला आने लगी।  इसके बाद ही गांव रेवाली के जुलूस पर भजन गाने को लेकर खिरगांव में पथराव की खबर पैली पथराव दोनों तरफ से की गई। एसपी की फौरन कारवाई की वजह से पथराव खत्म हुआ और उस मुकाम पर अमन बहाल हो गई। इस वाकिया में दोनों तबके (हिन्दू और मुस्लिम) मुजरिम हो सकते हैं।  यह भी मुमकिन है कि साजिश रचने वालों ने अपने आदमियों से पथराव कराया हो. ऐसा शक इस वजह से है कि ऐसे भजन जामा मस्जिद रास्ते मं भी एक जूलूस में बजाया गया जो मुस्लिम अकसरियत इलाके हैं, लेकिन यहां किसी ने भी इसका मुखालिफत नहीं किया। इस वाकिया के दो तीन घंटे के अंदर जो वारदात हुइ है इस पर गौर जरूर करना चाहिए।  

पथराव की वारदात के बाद जायेहादसा मुकाम से 500-600फीट दूर मुस्लिमों की एक कॉलोनी है सुलेमान कॉलोनी, जाे रोड पर नहीं हे वहा अंदर घुसकर घरों पर पथराव किया गया।  इस कॉलोनी से 500फीट की दुरी पर लक्ष्मी सिनेमा अहाते में मुसलमानों के चार दुकानों को तोड़कर लूटा गया और जला दिया गया, एक मोटरसाईकिल को भी जला डाला।  इस सिनेमा हॉल से सामने सड़क के मगरिब में चार मकानों पर पथराव और एक जूते की दुकान को लूटा गया एक मोबाइल की दुकान में आग लगा दी गई।  इस मुकाम से 500फीट की दुरी पर ग्वाल टोली मस्जिद है।  फसादियों ने इस मस्जिद में घुसने की कोशिश करने लगे।  गेट काफी मजबूत थी इसलिए अंदर नहीं घुस पाये।  बाहर काफी पथराव किया गया और मस्जिद के दुकानों की शटर तोड़कर चार दुकानों को लूटा गया और दुकानों में आग लगाई गयी।  
ग्वाल टोली मस्जिद की वाकिया के बारे में यह भी कहना है कि इस मस्जिद पर हमले की इत्तिला कुरैशी मुहल्ले में पहुंची तो वहां के लोग दौड़े, रास्ते में ग्वाल टोली मुहल्ला है।  ये लोग मस्जिद के नजदीक नहीं जा सके, इसलिए छतों पर से पथराव किया गया और पुलिस फोर्स भी इन्हें जाने से रोक रही थीं और डंडा चला रही थी।  इसके मुखालिफत में नवजवानों की तरफ से एक बार पथराव हुआ था जिसे पुलिस की तरफ से फोर्स पर हमले की खबर शाया हुआ।  

इसके बाद डेली मार्केट में चाल मुसलमानों की दुकानों को लूटा गया और आग लगा दी गयी।  खिरगांव से दक्षिण कूद के पहले तक मुस्लिमों के मोटर गैराज, एक बैकरी और एक डेंटल क्लिीनिक, कई गाड़ियों को जलाई गयी और कई मकानों पर पथराव किया गया।  
यहां सोचने की बात यह है कि रामनवमी की वजह से पूरे शहर में जगह-जगह स्टैटिक ड्यूटी मजिस्ट्रेट के साथ पुलिस फोर्स तैनात की गयी थी।  उपर बताई गयी सारे तोड़-फोड़ दुकानों को लूटने और जलाने की कार्रवाई और सुलेमान कॉलोनी में घुसकर पथराव मैजिस्ट्रेट और पुलिस फोर्स के सामने किया गया है।  इन वारदात की इत्तिला एसपी को देने और उनके फौरी कार्रवाई किये जाने की वजह से मुसलमानों के जान-माल की हिफाजत हो सकी है। 

सोचने और गौर करने वाली एक खास बात है कि इस दंगे में जो दुकान मकान जले या दुकानें लूटी गई, इकॉनोमिकल और जेहनी नुकसान हुई वह सब मुसलमनों का हुआ है।  ऐसा क्याें ? 
हजारीबाग के मुसलमान तबके का मानना है कि एसपी डीएसपी के फौरी कर्रवाई से हमारी नुकसान कम हुई, हमलोग जिला इंतेजामिया के शुक्रगुजार हैं लेकिन उन मजिस्ट्रेट और पुलिस फोर्स का चेहरा सामने आना चाहिए जिनकी मौजूदगी में तोड़-फोड़, लूट और आगजनी की वारदात को अंजाम दिया गया है।  
इसे फिरकापरस्ती दंगा कहना गलत होगा।  अगर यह फिरकापरस्ती दंगा होती तो नुकसान दाेनों तबकों को थोड़ा या ज्यादा होती, लेकिन इस दंगे में नुकसान सिर्फ मुसलमानों की हुई है।  इसलिए यह दंगा किसी की सोची समझी साजिश के तहत है।  जेडीयू के रियासती सेक्रेटरी गौतम सागर राणा ने खुले अल्फ़ाज़ में कहा की मर्कज़ी मिनिस्टर (जयंत सिन्हा) जो साबिक़ फाइनेंस मिनिस्टर यशवंत सिन्हा के बेटे हैं, क़ानून की धज्जियाँ उड़ाते हुए दबाव बनाकर लोगों को खुली छूट दी इस उनके मुताबिक़ दंगे का सूत्रधार हैं जयंत सिन्हा सीपीआई के लीडर राज़ी अहमद ने भी उन्ही की तरफ इशारा किया। इधर जेवीएम के तर्जुमान खालिद खलील ने भी जयंत सिन्हा के दंगे में हाथ होने पर शक ज़ाहिर की।
जहां तक हबीबी नगर में बम बनाते वक्त धमाके हाने और जिंदा बम बरामद होने की बात है तो इसे रामनवमी में भड़के दंगे से और साबिक वजीर के दिये ब्यान कि इसका ताल्लुक गैर मुल्की हो सकता है, यह ब्यान मजमत के लायक है, इस किस्म के बम क्रिमनल हर शहर में बनाते हैं।  दूसरी बात यह वाकिया रामनवमी के दिन गुजरने के बाद रात की है।   क्रिमनल मुकामी लोगों को डर दिखाकर ऐसा किया करते हैं।