क्या ज़किया ज़ाफरी को रीपोर्ट हवाले की जा सकती है ?

नई दिल्ली, 04 दिसंबर (पीटीआई) सुप्रीम कोर्ट ने 2002 गुजरात फ़सादाद मुक़द्दमात की तहकीकात करने वाली एस आई टी से ये जानना चाहा कि कांग्रेस लीडर एहसान जाफरी की हलाकत से मुताल्लिक़ मुक़द्दमा को बंद करते हुए जो रिपोर्ट पेश की गई है क्या उसे ज़किया जाफरी (एहसान जाफरी की बीवी) को दिया जा सकता है।

जस्टिस डी के जैन और जस्टिस मदन वी लोकुर पर मुश्तमिल बेंच‌ ने कहा कि हम ने स्पेशल इंवेस्टीगेशन टीम (एस आई टी) को शिकायत कुनुंदा ज़किया जाफरी की दायर करदा ख़ुसूसी दरख़ास्त मुराफ़ा का जायज़ा लेने की हिदायत दी है। साथ ही साथ ये भी जानना चाहा कि क्या मुक़द्दमे को बंद करने से मुताल्लिक़ रिपोर्ट को ज़किया जाफरी के हवाले किया जा सकता है या नहीं।

इससे पहले सी बी आई डायरेक्टर आर के राघवन की ज़ेर ए क़ियादत एस आई टी ने तमाम फ़सादाद से मुताल्लिक़ मुक़द्दमात बिशमोल अहमदाबाद , गुलबर्ग हाउस सोसाइटी क़त्ल-ए-आम की तहकीकात की थी। साबिक़ कांग्रेस रुकन पार्लियामेंट एहसान जाफरी को गुलबर्ग सोसायटी में हलाक किया गया था ।

अहमदाबाद में ट्रायल कोर्ट ने 27 नवंबर को पेश करदा ये रिपोर्ट कुबूल कर ली थी। ज़कीया जाफरी ने मुक़द्दमा की तहकीकात से मुताल्लिक़ बाअज़ दस्तावेज़ात सरबराह करने की दरख़ास्त ट्रायल कोर्ट से मुस्तर्द किए जाने के फैसला को चैलेंज करते हुए ख़ुसूसी दरख़ास्त मुराफ्या ( अपील) दायर की है।