क्या 2004 की तरह गलत निकलेंगे सारे एग्जिट पोल, परिणामों में पलट जायेगी सरकार ?

लोकसभा चुनाव परिणाम 2019 करीब हैं. एग्जिट पोल 2019 आ चुके हैं. देश की आठ प्रतिष्ठित एग्जिट पोल में एजेंसियों भारतीय जनता पार्टी (BJP) नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) के बहुमत की भविष्यवाणियां की हैं. जबकि एक एग्जिट पोल ने एनडीए को सबड़े गठबंधन के रूप में उभरने की संभावना जताई है. ऐसे में अगर सभी पोल्स के ऊपर एक पोल ऑफ पोल्स करें तो बीजेपी व उसके सहयोगी दल 267 सीटें, कांग्रेस व उसके सहयोगी दल 122 सीटें और अन्य के खाते में 99 जीतती नजर आ रही हैं. करीब-करीब ऐसी एग्जिट पोल रिजल्ट 2004 आम चुनाव में भी आए थे, लेकिन नतीजे उसके एकदम उलट आए थे.

 

पहले एग्जिट पोल रिजल्ट 2019 देखें

सर्वे एजेंसी एनडीए यूपीए अन्‍य
न्यूज 24- चाणक्य 350 95 84
न्यूज 18- IPSOS 336 82 106
टाइम्स नाऊ-वीएमआर 306 132 84
रिपब्लिक-जन की बात 305 124 87
इंडिया न्यूज-पोल स्ट्रेट 298 118 83
रिपब्लिक-सीवोटर 287 128 87
न्यूज नेशन 286 122 134

 

2004 आम चुनाव से पहले हालात जानिए
1999 लोकसभा चुनाव में एनडी ने 270 सीटें जीती थीं. अटल बिहारी वाजपेयी ने नेतृत्व में एनडीए ने सरकार बनाई थी. प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के काम और लोकप्रियता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि उनकी कई नीतियों की तारीफ आज तक होती है. साथ ही तब बीजेपी अपनी जीत को लेकर आश्वस्त बताई जा रही थी. तब बीजेपी आलाकमान ने कार्यकाल पूरा करने से पहले 2004 आम चुनाव के लिए मैदान में कूद गई थी. एनडीए का विश्वास एग्जिट पोल ने और भी बढ़ा दिया था.

लोकसभा चुनाव 2004 के एग्जिट पोल

सर्वे एजेंसी एनडीए यूपीए अन्‍य
आजतक ओआरजी एमएआरजी 248 190 105
एनडीटीवी-एसी निलसन 230-250 190-205 100-120
सहारा-डीआरएस 263-278 171-181 92-102
स्टार न्यूज – सी वोटर 263-275 174-186 86-98
जी न्यूज-तालीम 249 176 117
पोल ऑफ पोल्स का औसत 255 183 105
2014 लोकसभा चुनाव परिणाम 187 219 137

एग्जिट पोल और असल नतीजों में भारी उलटफेर हुआ. जहां एग्जिट पोल एनडीए की जीत के दावे कर रहे थे, वहीं संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (यूपीए) ने सरकार बना ली.

लोकसभा चुनाव 2019 और लोकसभा 2004 में प्रमुख अंतर
लोकसभा चुनाव 2019 के लोकसभा चुनाव 2004 जैसे हालात बनने के आसार कम हैं. भले तब भी पहले एनडीए की सरकार रही हो. पीएम पद का उम्मीदवार तगड़ा रहा है. एग्जिट पोल में जीत की घोषणा हुई हो और एनडीए सरकार बनाने में रही हो, पर 2019 कुछ खास मायनों में 2014 की तुलना में अलग हैं.