क्या 300 रु. किलो होगी अरहर की दाल?

नई दिल्ली:केंद्र सरकार दालों की कीमतों पर नियंत्रण की लगातार कोशिशें कर रही है, बावजूद इसके कीमतें कम होने के बजाए अभी और बढ़ने की पूरी आशंका है। खास तौर पर अरहर यानी तूर की दाल की कीमतें नया रेकॉर्ड बना सकती हैं.

अरहर दाल इस वक्त 180 रुपये प्रति किलो है, लेकिन देश-विदेश के मार्केट के जो हालात हैं, उससे इसकी कीमत जल्द ही 250 रुपये प्रति किलो पर पहुंच सकती है।

जमाखोरी पर अगर नकेल नहीं कसी गई और आयातित अरहर की दाल के मार्केट में आने में देरी हुई तो इसकी कीमत 300 रुपये के स्तर को भी पार कर सकती है।

दिल्ली दाल और बेसन मिल असोसिएशन के अशोक गुप्ता का कहना है कि बात चाहे देश के उत्तरी इलाके का हो या दक्षिणी की, हर जगह अरहर दाल की मांग सबसे ज्यादा है। सभी दालों में अरहर की खपत करीब 55 से 58 प्रतिशत के करीब है, मगर डिमांड और सप्लाइ का भारी अंतर अरहर की कीमतों को नई ऊंचाई पर पहुंचा रहा है।

देश में दालों की मांग 3.30 करोड़ टन तक पहुंच चुकी है। इसमें अरहर दाल की डिमांड 1.80 करोड़ टन है। मगर देश में उत्पाद करीब 1.02 करोड़ टन का है। यानी डिमांड से काफी कम। अहम बात यह है कि इसका उत्पादन कम देश ही करते हैं। इसमें अफगानिस्तान, कनाडा, साउथ अफ्रीका और म्यांमार शामिल हैं.

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