क्रप्शन् को जड़ से ख्तम् करने हमें रुख़ी हिक्मत-ए-अमली ज़रूरी

नई दिल्ली, 30 अक्टूबर (पी टी आई) कुरप्शन को जड़ से ख़तम करने के लिए हमें रुख़ी हिक्मत-ए-अमली इख़तियार करना होगा जिस में बरवक़्त अमल के सिस्टम्स, शफ़्फ़ाफ़ तरीका-ए-कार और अवामी जवाबदेही शामिल है, सदर जमहूरीया प्रतिभा पटिल् ने आज ये बात कही।

गवर्नर्स और लॆफ्टीनॆनट् गवर्नर्स से यहां दो रोज़ा कान्फ़्रैंस आफ़ गवर्नर्स में ख़िताब करते हुए सदर जमहूरीया ने कहा कि अवामी ज़िंदगी में क्रप्शन् के ख़िलाफ़ अवामी जज़बा माइल बह उरूज है क्योंकि इस लानत ने तरक़्क़ी को रोक दिया और क़ानून की हुक्मरानी को ख़तम् कर दिया है।

उन्होंने कहा, हमारे शहरीयों में हिंदूस्तानी निज़ाम हुकूमत से ऊंची तवक़्क़ुआत भी पाई जाती हैं। क्रप्शन् तरक़्क़ी को रोकता है, समाजी पेशरफ़्त को तबाह करता है, अवामी नज़म-ओ-नसक़ की ईमानदारी में एतिमाद को ज़क पहुंचाता है, अच्छी हुक्मरानी से बाज़ रखता है, क़ानून की हुक्मरानी को ख़तम् करता है, मसह बिकती हालात को बिगाड़ता है, सरमाया कारी को मानद करता है और उन सब के इलावा आम आदमी को सब से ज़्यादा नुक़्सान पहुंचाता है।

उसे जड़ से ख़तम् करना होगा। इस का हल हमा रुख़ी हिक्मत-ए-अमली में मुज़म्मिर है जो एहतियाती और इको बत्ती इक़दामात पर मुश्तमिल है, जिन में सहल तर क़वानीन, शफ़्फ़ाफ़ तरीका-ए-कार, इख़्तयारात का दानिशमंदाना इस्तिमाल, बरवक़्त अमल के सिस्टम्स, बेहतर अवामी बेदारी, अवामी जवाबदेही और निहायत रास्त बाज़ी के साथ ज़िम्मेदारीयों की तकमील शामिल है।

श्रीमती पाटिल ने तालीमी इदारों में रिया गंग की बुराई के ताल्लुक़ से भी तशवीश का इज़हार किया और गवर्नरों से जो रियास्ती यूनीवर्सिटीयों के चांसलर्स भी हैं, अपील की कि इस बुराई को सिस्टम से ख़तन करने केलिए अहम रोल अदा करें।

मैं आप की तवज्जा सीनीयर स्टूडैंटस की तरफ़ से ग़ैर इंसानी तर्ज़-ए-अमल पर भी मबज़ूल कराना चाहूंगी, जिस में नए तलबा को जिस्मानी अज़ीयत और ज़हनी करब से गुज़रना पड़ता है, जिस ने समाज को ब्रहम कर रखा है।

फ़ाज़िल अदालत ने रिया गंग के ख़िलाफ़ सख़्त मौक़िफ़ इख़तियार किया ही। वज़ारत फ़रोग़ इंसानी वसाइल ने मुज़ाहमत का काबिल-ए-भरोसा ढांचा तामीर करने की सुई की है।

कई रियास्तों ने रिया गंग के तदारुक के लिए क़वानीन, क़वाइद-ओ-ज़वाबत अमल में लाए हैं। रैगूलेटरी सिस्टम्स पर मुसलसल निगरानी रखनी पड़ेगी और तमाम ख़ामीयों को दूर करना होगा। जहां ये तालीमी इदारों के मैनिजमंट और टीचरों की बुनियादी ज़िम्मेदारी है कि रिया गंग का तदारुक करें, वहीं वालदैन और सरपरस्तों को भी अपनी औलाद को ज़्यादा ज़िम्मा दाराना रवैय्या अपनाने की तरग़ीब देने केलिए मुतहर्रिक करना होगा।

श्रीमती पाटल ने रिया गंग के ख़िलाफ़ बेदारी का माहौल पैदा करने केलिए एन जी औज़ को भी शामिल करने पर ज़ोर दिया। उन्हों ने कहा कि बिलख़सूस रियास्ती यूनीवर्सिटीयों के चांसलर्स की हैसियत से आप का तरग़ीबी असर इस दाग़ को ख़तन करने में निहायत मददगार हो सकता है।

सदर जमहूरीया ने गवर्नरों से ये भी ख़ाहिश की कि छुटे शैडूल के तहत तशकील शूदा ख़ुदमुख़तार ज़िला कौंसिलों में रहने वाली आबादी के मुख़्तलिफ़ तबक़ात के मुफ़ादात के तहफ़्फ़ुज़ में भी मर्कज़ी रोल अदा करें। मुख़्तलिफ़ दीगर अहम मसाइल का ज़िक्र करते हुए श्रीमती पाटिल ने कहा हम हमें दरपेश दीगर चैलेंजों जैसे दहश्तगर्दी, बाएं बाज़ू इंतिहापसंदी और शोरिश पसंदी से तवज्जा हटाने के मुतहम्मिल नहीं हो सकती।

हिंदूस्तान की बैरूनी और दाख़िली सलामती सब से मुक़द्दम है और नुमायां तवज्जा की मुतक़ाज़ी है।