क्रप्शन और महंगाई 2011के अहम मौज़ूआत रही

नई दिल्ली, ०४ जनवरी: ( एजैंसीज़ ) सैंटर फ़ार मीडीया ऐंड कल्चरल रिसर्च ( सी एम सी आर ) के सर्वे के मुताबिक़ तीन असैंबलीयों उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और पंजाब के इंतिख़ाबात में तीन चौथाई आम राय के मुताबिक़ क्रप्शन अहम मौज़ू रहा है।

इलावा अज़ीं दूसरे नंबर पर ग़ैर मुतवक़्क़े तौर पर महंगाई, बेरोज़गारी, रीटेल शोबे में कारोबार में रास्त तौर पर ग़ैर मुल्की सरमाया कारी, स्विस बैंक में जमा हिंदूस्तानी कालाधन है। सी एम सी आर के सर्वे से इस राज़ का इन्किशाफ़ हुआ कि असैंबली इंतिख़ाबात वाली रियास्तों में 18 से 38 साल की उम्र के नौजवान वोट बैंक उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड 44.76 फ़ीसद, पंजाब में 32.53 फ़ीसद क्रप्शन के मौज़ू पर रहा है।

सर्वे का नतीजा ये सामने आया कि मर्कज़ में बरसर-ए-इक़तिदार कांग्रेस की वे पी ए की हलीफ़ जमातों की राय में क्रप्शन की वजह से 10से 15फ़ीसद गिरावट मुम्किन है। गांधीवादी अन्ना हज़ारे इंडिया अगेंस्ट् क्रप्शन और योग गुरु बाबा राम देव के ग़ैर ममालिक में जमा हिंदूस्तानी काला धन आंदोलन से गाँव, क़स्बा, शहर और दार-उल-हकूमतों के राय दहिंदगान में कुरप्शन मुख़ालिफ़ माहौल पैदा हुआ है।

वहीं तीनों रियास्तों में ज़्यादा तर दानिश्वरों, शहरी राय दहिंदगान में मुअल्लक़ लोक पाल बिल से गुम-ओ-ग़ुस्सा है। वैसे सर्वे में ज़्यादा तर घरेलू ख़वातीन बेलगाम महंगाई के मुताल्लिक़ मर्कज़ की यू पी ए हुकूमत पर ग़ुस्से में हैं।

तीनों रियास्तों की 20लाख रीटेल कारोबारी अफ़राद रास्त तौर पर ग़ैर मुल्की सरमाया कारी ( एफडी आई) के मौज़ू पर कांग्रेस की यू पी ए हुकूमत को निशाना बनारहे हैं और इस हुकूमत को बुरा भला कह रहे हैं।याद रहे कि नई दिल्ली और मुंबई में बदउनवानीयों के ख़िलाफ़ अन्ना हज़ारे की भूक हड़ताल और लोक पाल बिल पूरे मुल्क की तवज्जा का मर्कज़ रही। राम लीला मैदान में अन्ना हज़ारे के हामीयों पर लाठी चार्ज भी किया गया था।

इन की तक़लीद करते हुए बाबा राम देव ने भी भूक हड़ताल ढोंग ज़रूर रचाया था लेकिन उन्हें ख़ातिरख़वाह कामयाबी नहीं मिली। पार्लीमैंट में लोक पाल बिल का जो हश्र हुआ वो सब के सामने है।