क्रप्शन के ख़िलाफ़ मुहिम और बी जे पी

हालिया अर्सा में क्रप्शन के ख़िलाफ़ सारे हिंदूस्तान में एक लहर पैदा होगई है । अन्ना हज़ारे की जानिब से कुरप्शन के ख़िलाफ़ शुरू करदा मुहिम के असरात के तहत मलिक के हर शहर और हर गावं में कुरप्शन के ख़िलाफ़ नारे लगाए जा रहे हैं और एहतिजाज हो रहा है ।

हुकूमत पर दबाव में इज़ाफ़ा हो रहा है कि वो कुरप्शन के ख़ातमा केले इक़दामात करे और कुरप्शन के मुआमलात में मुलव्वस अफ़राद के ख़िलाफ़ कार्रवाई भी की जाए । इस मुहिम और मलिक के अवाम में कुरप्शन के ताल्लुक़ से पैदा शूदा ग़म-ओ-ग़ुस्सा की लहर को देखते हुए बी जे पी ने भी क्रप्शन के ख़िलाफ़ मुहिम का हिस्सा बनने की कोशिश की और इस ने हुकूमत को घेरना भी शुरू कर दिया था ।

यही वजह थी कि पार्लीमैंट के सरमाई इजलास में 2G अस्क़ाम में वज़ीर-ए-दाख़िला मिस्टर पी चिदम़्बरम के मुबय्यना रोल का इल्ज़ाम आइद करते हुए बी जे पी ने इन से इस्तीफ़ा का मुतालिबा किया था और ऐवान में उन्हें ब्यान तक देने की इजाज़त नहीं दी थी । बी जे पी ने एक मंसूबा बंद अंदाज़ में मिस्टर चिदम़्बरम का मुक़ातआ किया था ।

अन्ना हज़ारे की मुहिम से फ़ायदा उठाने की कोशिश बी जे पी ने उत्तर प्रदेश में भी की थी जहां अब असैंबली इंतिख़ाबात का अमल शुरू होचुका है । रियासत में बी जे पी ने मायावती हुकूमत में शामिल वुज़रा पर कुरप्शन के इल्ज़ामात आइद करते हुए ख़ुद मायावती हुकूमत पर कुरप्शन में मुलव्वस रहने और कुरप्शन में मुलव्वस अफ़राद की हौसलाअफ़्ज़ाई करने का इल्ज़ाम आइद किया था ।

असैंबली इंतिख़ाबात के ऐलान के बाद मायावती भी हरकत में आगई थीं और उन्हों ने कुरपट क़रार दिए जाने वाले वुज़रा को ओहदों और पार्टी से अलग करना शुरू करदिया । ये अमल हालाँकि बहुत देर से शुरू किया गया लेकिन इस का मक़सद भी सयासी फ़ायदा हासिल करने के सिवा और कुछ नहीं था ।

मायावती हुकूमत से अलैहदा करदा वुज़रा दूसरी जमातों में सयासी पनाह हासिल करने की कोशिशों में जुट गए और ऐसे ही एक साबिक़ वज़ीर मिस्टर बाबू सिंह कुशवाहा थे जिन्हें मायावती हुकूमत से अलैहदा करदिया गया ।

मिस्टर कुशवाहा फ़ौरी बी जे पी में शामिल होगए और बी जे पी ने कुरप्शन के इल्ज़ामात के बावजूद इन का पार्टी में गरमजोशाना इस्तिक़बाल करते हुए कुरप्शन पर अपने दोहरे मयारात को अमला तस्लीम करलिया । पार्टी में हालाँकि इस शमूलीयत पर कुछ नाराज़गीयाँ भी सामने आएं लेकिन पार्टी किसी भी हाल में थोड़ा सा भी असर-ओ-रसूख़ रखने वाले क़ाइदीन को पार्टी से दूर रखना नहीं चाहती ।

बी जे पी ने कुरप्शन के ख़िलाफ़ मुहिम का हिस्सा होने का इद्दिआ करते हुए खासतौर पर उत्तर प्रदेश में अवाम को रिझाने और उन के वोट हासिल करने की कोशिश की थी जहां असैंबली इंतिहा बात का ऐलान होचुका है । ताहम अब कुशवाहा की शमूलीयत के साथ पार्टी के दावे खोखले साबित होगए हैं और ये वाज़िह होचुका है कि कुरप्शन के ख़ातमा में कोई भी पार्टी संजीदा नहीं है और वो सिर्फ इस नारे के तहत अवाम को रिझाने और उन के वोट हासिल करना चाहती है ।

मायावती की बहुजन समाज पार्टी को कुरप्शन में मुलव्वस वुज़रा के ख़िलाफ़ कार्रवाई का ख़्याल आया तो उस वक़्त जबकि रियासत में इंतिख़ाबात का ऐलान करदिया गया और क्रप्शन के ख़िलाफ़ अब तक ज़ोर-ओ-शोर से मुहिम चलाने वाली बी जे पी अवामी वोटों की ख़ातिर इन क्रप्शन क़ाइदीन को पार्टी में शामिल करने बल्कि उन्हें असैंबली इंतिख़ाबात में टिकट देने से भी गुरेज़ नहीं कर रही है ।

उत्तर प्रदेश में अब बहुजन समाज पार्टी और समाजवादी पार्टी इलाक़ाई जमातें हैं जिन की अपनी हिक्मत-ए-अमली और मंसूबा बंदीयां हैं लेकिन बी जे पी और कांग्रेस दो क़ौमी जमातें हैं और वो इलाक़ाई जमातों से क़ता नज़र मुल़्क की इस सब से बड़ी और हस्सास समझी जाने वाली रियासत में अपनी सयासी ताक़त और असर-ओ-रसूख़ दिखाने सर धड़ की बाज़ी लगाती हैं।

इस रियासत में जहां दीगर मसाइल हैं वहीं क्रप्शन ने मौजूदा इंतिख़ाबात में मर्कज़ी मुक़ाम हासिल करलिया है । मुल्क के अवाम की तरह उत्तरप्रदेश के अवाम भी क्रप्शन की लानत को ख़तन करने केलिए बेचैन हैं ऐसे में हर जमात ख़ुद को क्रप्शन की मुख़ालिफ़ क़रार देने की तग-ओ-दो कर रही है ।

कांग्रेस और बी जे पी के इस सिलसिला में एक दूसरे पर इल्ज़ामात और जवाबी इल्ज़ामात का सिलसिला जारी है लेकिन मिस्टर कुशवाहा की शमूलीयत के ज़रीया ऐसा लगता है कि क्रप्शन के ख़िलाफ़ लड़ाई कांग्रेस के हक़ में होगई है और बी जे पी इस मुहिम से शायद कोई फ़ायदा हासिल करने में कामयाब ना हो सके ।

बी जे पी ने अना हज़ारे की मुहिम से फ़ायदा हासिल करते हुए उत्तरप्रदेश में अपने खोए हुए दिन वापिस लाने का मंसूबा बनाया था लेकिन ऐसा लगता है कि इंतिख़ाबी अमल की शुरूआत ही में पार्टी इस लड़ाई में शिकस्त खा चुकी है और बी जे पी की मुख़ालिफ़ जमातें खासतौर पर कांग्रेस और बहुजन समाज पार्टी इस के ख़िलाफ़ ज़बरदस्त मुहिम शुरू करने का मंसूबा रखती हैं।

सयासी जमातें इस ताल्लुक़ से भले ही कोई भी मौक़िफ़ इख़तियार करेंउ वर चाहे किसी भी तरह के इल्ज़ामात आइद करें लेकिन ये वाज़िह होचुका है कि बी जे पी को भी क्रप्शन के ख़िलाफ़ मुहिम और बी जे पीके ख़ातमा से कोई मतलब नहीं है बल्कि उसे भी सिर्फ और सिर्फ इक़तिदार चाहीए और वो वोट हासिल करने किसी भी हद तक गिर सकती है । मिस्टर कुशवाहा की बी जे पी में शमूलीयत कम अज़ कम यही बात साबित करती है और अब देखना है कि मुल़्क की सब से बड़ी रियासत उत्तरप्रदेश के अवाम बी जे पी के इस दोहरे मयार पर क्या रद्द-ए-अमल ज़ाहिर करते हैं और बी जे पी को क्या सबक़ सिखाते हैं।